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    Chaitra Purnima 2024: कब है चैत्र पूर्णिमा व्रत, 23 या 24 अप्रैल? जानिए तिथि और स्नान-दान का समय

    Updated: Fri, 19 Apr 2024 09:15 AM (IST)

    इस साल चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2024) 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। इसे चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है। पूर्णिमा तिथि को मंत्र सिद्धि के लिए बिल्कुल शुभ समय के रूप में देखा जाता है। भक्त एकाग्रता में सुधार पाने के लिए पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा की भी पूजा जरूर करें।

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    Chaitra Purnima 2024: चैत्र पूर्णिमा तिथि और स्नान-दान का समय

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Purnima 2024: सनातन धर्म में चैत्र पूर्णिमा धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है। यह गुड़ी पड़वा और चैत्र नवरात्र के बाद आती है। इसे चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है, इस साल चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। वहीं, इस दिन भगवान विष्णु,माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि अगर इस तिथि पर किसी भी प्रकार की धार्मिक और आध्यात्मिक विधियां की जाए, तो इसके परिणाम तुरंत देखने को मिलते हैं।

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    अगर आप अपने इस व्रत को और भी खास बनाना चाहते हैं, तो इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जरूर जान लें।

    चैत्र पूर्णिमा तिथि और स्नान-दान का समय

    इस साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल सुबह 03 बजकर 25 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 24 अप्रैल सुबह 05 बजकर 18 मिनट पर होगा। उदयातिथि को ध्यान देते हुए चैत्र पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान 23 अप्रैल को होगा। अगर आप किसी भी प्रकार की विशेष पूजा कर रहें हैं या फिर गंगा स्नान करने की सोच रहे हैं, तो 23 अप्रैल को ही करें।

    चैत्र पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त

    • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक
    • चंद्रमा उदय - समय शाम 06 बजकर 25 मिनट पर
    • चंद्रमा पूजा का समय - शाम 06 बजकर 25 मिनट के बाद

    चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि

    साधक अपने दिन की शुरुआत गंगा नदी में डुबकी लगाकर करें, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि चैत्र पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की विधि अनुसार पूजा करें और खीर का भोग जरूर लगाएं। पूर्णिमा तिथि को मंत्र सिद्धि के लिए बिल्कुल शुभ समय के रूप में देखा जाता है। भक्त एकाग्रता में सुधार और मानसिक शांति और खुशी पाने के लिए पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा की भी पूजा करें।

    इसके अलावा लोग इस शुभ दिन पर गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज, हरिद्वार व ऋषिकेश जैसे - पवित्र स्थानों की यात्रा भी करते हैं।

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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