Chaitra Navratri 2025: नवरात्र के दौरान देवी दुर्गा के इन मंत्रों का करें जाप, होगा सभी कष्टों का नाश
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) का पर्व बेहद पावन माना जाता है। इस दौरान दुर्गा माता के नौ रूपों की पूजा होती है जिसका इंतजार देवी भक्त पूरे साल करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान पूजा-अर्चना करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। वहीं इस दौरान माता रानी के 108 नामों का जाप परम कल्याणकारी माना गया है जो इस प्रकार है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र नवरात्र का पर्व हर साल चैत्र महीने में आता है। यह देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लोग इस दौरान व्रत रखते हैं और विधिपूर्वक पूजा करते हैं। इस साल चैत्र नवरात्र 30 मार्च से शुरू हो रहे हैं, जबकि इनकी समाप्ति 7 अप्रैल को होगी। ऐसे इस दौरान (Chaitra Navratri 2025) सुबह रोजाना जल्दी उठें। फिर मां के सामने घी का दीपक जलाएं। फिर उन्हें लाल गुड़हल, लौंग, बताशे, पूरी, चना और हलवा अर्पित करें। फिर देवी के 108 नामों का जाप करें। अंत में आरती करें। ऐसा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
।।मां दुर्गा के 108 नाम।।
1. ॐ श्रियै नमः।
2. ॐ उमायै नमः।
3. ॐ भारत्यै नमः।
4. ॐ भद्रायै नमः।
5. ॐ शर्वाण्यै नमः।
6. ॐ विजयायै नमः।
7. ॐ जयायै नमः।
8. ॐ वाण्यै नमः।
9. ॐ सर्वगतायै नमः।
10. ॐ गौर्यै नमः।
11. ॐ वाराह्यै नमः।
12. ॐ कमलप्रियायै नमः।
13. ॐ सरस्वत्यै नमः।
14. ॐ कमलायै नमः।
15. ॐ मायायै नमः।
16. ॐ मातंग्यै नमः।
17. ॐ अपरायै नमः।
18. ॐ अजायै नमः।
19. ॐ शांकभर्यै नमः।
20. ॐ शिवायै नमः।
21. ॐ चण्डयै नमः।
22. ॐ कुण्डल्यै नमः।
23. ॐ वैष्णव्यै नमः।
24. ॐ क्रियायै नमः।
25. ॐ श्रियै नमः।
26. ॐ ऐन्द्रयै नमः।
27. ॐ मधुमत्यै नमः।
28. ॐ गिरिजायै नमः।
29. ॐ सुभगायै नमः।
30. ॐ अंबिकायै नमः।
31. ॐ तारायै नमः।
32. ॐ पद्मावत्यै नमः।
33. ॐ हंसायै नमः।
34. ॐ पद्मनाभसहोदर्यै नमः।
35. ॐ अपर्णायै नमः।
36. ॐ ललितायै नमः।
37. ॐ धात्र्यै नमः।
38. ॐ कुमार्यै नमः।
39. ॐ शिखवाहिन्यै नमः।
40. ॐ शांभव्यै नमः।
41. ॐ सुमुख्यै नमः।
42. ॐ मैत्र्यै नमः।
43. ॐ त्रिनेत्रायै नमः।
44. ॐ विश्वरूपिण्यै नमः।
45. ॐ आर्यायै नमः।
46. ॐ मृडान्यै नमः।
47. ॐ हींकार्यै नमः।
48. ॐ क्रोधिन्यै नमः।
49. ॐ सुदिनायै नमः।
50. ॐ अचलायै नमः।
51. ॐ सूक्ष्मायै नमः।
52. ॐ परात्परायै नमः।
53. ॐ शोभायै नमः।
54. ॐ सर्ववर्णायै नमः।
55. ॐ हरप्रियायै नमः।
56. ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
57. ॐ महासिद्धयै नमः।
58. ॐ स्वधायै नमः।
ॐ. स्वाहायै नमः।
60. ॐ मनोन्मन्यै नमः।
61. ॐ त्रिलोकपालिन्यै नमः।
62. ॐ उद्भूतायै नमः।
63. ॐ त्रिसन्ध्यायै नमः।
64. ॐ त्रिपुरान्तक्यै नमः।
65. ॐ त्रिशक्त्यै नमः।
66. ॐ त्रिपदायै नमः।
67. ॐ दुर्गायै नमः।
68. ॐ ब्राह्मयै नमः।
69. ॐ त्रैलोक्यवासिन्यै नमः।
70. ॐ पुष्करायै नमः।
71. ॐ अत्रिसुतायै नमः।
72. ॐ गूढ़ायै नमः।
73. ॐ त्रिवर्णायै नमः।
74. ॐ त्रिस्वरायै नमः।
75. ॐ त्रिगुणायै नमः।
76. ॐ निर्गुणायै नमः।
77. ॐ सत्यायै नमः।
78. ॐ निर्विकल्पायै नमः।
79. ॐ निरंजिन्यै नमः।
80. ॐ ज्वालिन्यै नमः।
81. ॐ मालिन्यै नमः।
82. ॐ चर्चायै नमः।
83. ॐ क्रव्यादोप निबर्हिण्यै नमः।
84. ॐ कामाक्ष्यै नमः।
85. ॐ कामिन्यै नमः।
86. ॐ कान्तायै नमः।
87. ॐ कामदायै नमः।
88. ॐ कलहंसिन्यै नमः।
89. ॐ सलज्जायै नमः।
90. ॐ कुलजायै नमः।
91. ॐ प्राज्ञ्यै नमः।
92. ॐ प्रभायै नमः।
93. ॐ मदनसुन्दर्यै नमः।
94. ॐ वागीश्वर्यै नमः।
95. ॐ विशालाक्ष्यै नमः।
96. ॐ सुमंगल्यै नमः।
97. ॐ काल्यै नमः।
98. ॐ महेश्वर्यै नमः।
99. ॐ चण्ड्यै नमः।
100. ॐ भैरव्यै नमः।
101. ॐ भुवनेश्वर्यै नमः।
102. ॐ नित्यायै नमः।
103. ॐ सानन्दविभवायै नमः।
104. ॐ सत्यज्ञानायै नमः।
105. ॐ तमोपहायै नमः।
106. ॐ महेश्वरप्रियंकर्यै नमः।
107. ॐ महात्रिपुरसुन्दर्यै नमः।
108. ॐ दुर्गापरमेश्वर्यै नमः।
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