Chaitra Navratri 2025: कन्या पूजन में दें ये उपहार, माता रानी देंगी सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
नवरात्र के दौरान अष्टमी व नवमी तिथि पर लोग अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन (Kanya Pujan Gift Ideas) करते हैं जिसे कंजक पूजन भी कहा जाता है। इन दौरान कन्याओं को उपहार भी दिया जाता है। ऐसे में अगर आप घर आई कन्याओं को यह उपहार देते है तो इससे आपको माता रानी की विशेष कृपा मिल सकती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में कन्याओं को मां दुर्गा का ही स्वरूप माना गया है। यही कारण है कि नवरात्र की अष्टमी व नवमी तिथि पर घर पर कन्याओं (Navratri 2025 Kanya Pujan) को आमंत्रित करके उन्हें भोजन करवाया जाता है और कुछ-न-कुछ उपहार या धन दिया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से साधक को मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है।
दे सकते हैं ये चीजें
आप कन्याओं को शृंगार का सामान जैसे चूड़ी, बिंदी, लाल रंग की चुनरी आदि दे सकते हैं। कंजक के दौरान आप कन्याओं को पढ़ाई-लिखाई से संबंधित सामान जैसे पेंसिल, कॉपी आदि दे सकते हैं। इसी के साथ कन्याओं को धार्मिक पुस्तकें और धन आदि भी दिया जा सकता है। इन सभी चीजों को कन्या पूजन में देने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखती हैं।
न दें ऐसे उपहार
कुछ ऐसी चीजें भी बताई गई हैं, जिन्हें भूल से भी कन्या पूजन के दौरान कंजक को नहीं देना चाहिए, वरना माता रानी नाराज हो सकती हैं। घर आई कन्याओं को कभी भी कांच से बनी चीजें या फिर नुकीली चीजें नहीं देनी चाहिए। इसी के साथ कंजक को काले वस्त्र या काले रंग के रुमाल आदि भी न दें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। साथ ही छोटी कन्याओं को स्टील के बर्तन या प्लास्टिक की चीजें जैसे लंच बॉक्स आदि उपहार के रूप में देना भी शुभ नहीं माना जाता।
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(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
विदा करने से पहले करें ये काम
घर से कन्याओं को विदा करने से पहले उनके पैर छूएं और आशीर्वाद लें। इसके बाद कन्याओं को माता रानी के जयकारे लगाते हुए विदा करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि कन्याओं को विदा करने के तुरंत बाद घर की साफ-सफाई न करें। अगर आप इस सब बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको कन्या पूजन का पूर्ण फल मिलता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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