Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chaitra Navratri 2025: नवरात्र के तीसरे दिन 'भद्रावास' योग समेत बन रहे हैं 3 अद्भुत संयोग, मिलेगा दोगुना फल

    धार्मिक मत है कि जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साधक नवरात्र के तीसरे दिन (Navratri 2025 Day 3) मां चंद्रघंटा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही पूजा के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करते हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 31 Mar 2025 10:00 PM (IST)
    Hero Image
    Chaitra Navratri 2025: नवरात्र के तीसरे दिन क्या करें और क्या न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 01 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की तृतीया तिथि है। चैत्र नवरात्र की तृतीया तिथि पर मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा एवं साधना की जाती है। साथ ही मां चंद्रघंटा के निमित्त नवरात्र के तीसरे दिन का व्रत रखा जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन दुर्लभ भद्रावास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में मां चंद्रघंटा (Navratri 2025 Day 3 Preeti Yog) की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ योग और मुहूर्त जानते हैं-

    यह भी पढ़ें: अप्रैल महीने से मकर राशि के जातकों का शुरू होगा गोल्डन टाइम, बनने लगेंगे सारे बिगड़े काम

    शुभ मुहूर्त

    चैत्र नवरात्र की तृतीया तिथि सुबह 05 बजकर 42 मिनट तक है। इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू होगी। चैत्र नवरात्र की तृतीया तिथि पर जगत जननी आदिशक्ति देवी मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।

    प्रीति योग (Navratri 2025 Preeti Yog)

    चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन दुर्लभ प्रीति योग (Navratri Preeti Yog Upay) का संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग सुबह 09 बजकर 49 मिनट तक है। वहीं, प्रीति योग का समापन दो अप्रैल को सुबह 06 बजकर 07 मिनट होगा। प्रीति योग में मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी है।

    भद्रावास योग

    चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन भद्रावास योग (Navratri Bhadravaas Yog Upay) का भी निर्माण हो रहा है। भद्रावास योग शाम 04 बजकर 04 मिनट से देर रात 02 बजकर 32 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा स्वर्ग में रहेंगी। भद्रावास योग में देवी मां चंद्रघंटा की पूजा-भक्ति करने से शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

    करण

    चैत्र नवरात्र की तृतीया तिथि यानी तीसरे दिन वणिज करण के योग बन रहे हैं। ज्योतिष वणिज करण को शुभ मानते हैं। इस योग में जगत जननी देवी मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुखों में वृद्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 11 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 39 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 07 बजकर 54 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 10 बजकर 14 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 39 मिनट से 05 बजकर 25 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 38 मिनट से 07 बजकर 01 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: अक्षय तृतीया कब है? यहां जानें सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।