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    Chaitra Navratri 2025: आज है चैत्र नवरात्र का पहला दिन, इस शुभ समय में करें कलश स्थापना, नोट करें पूजन विधि

    Updated: Sun, 30 Mar 2025 09:12 AM (IST)

    इस साल चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri Kalash Sthapana 2025) की शुरुआत 30 मार्च यानी आज से हो रही है। आज चैत्र नवरात्र का पहला दिन है। यह दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि जो जातक इस दिन मां की विधिपूर्वक पूजा करते हैं उन्हें सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है।

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    Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र नवरात्र का पर्व बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। इस साल यह 30 मार्च यानी आज से शुरू हो रहा है। यह त्योहार गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है। चैत्र नवरात्र का त्योहार मां दुर्गा और उनके नौ दिव्य अवतारों की पूजा के लिए समर्पित है। नवरात्र का पहला दिन (Chaitra Navratri 2025 1st Day) मां शैलपुत्री की पूजा के लिए समर्पित है। इसके साथ ही इसी दिन घटस्थापना भी किया जाता है।

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    कहा जाता है कि मां दुर्गा की उपासना सच्ची भक्ति के साथ करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है, इस दिन की पूजा में किसी भी तरह की बाधा न आए। ऐसे में आइए यहां इससे जुड़ी जरूरी बातों को जान लेते हैं।

    घट स्थापना मुहूर्त (Chaitra Navratri 2025 Kalash Sthapana Samay )

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च, 2025 को दोपहर 04 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो चुकी है। वहीं, इस तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए चैत्र नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च यानी आज से हो रही है। इसके साथ ही पहला कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।

    वहीं, दूसरा कलश स्थापना का समय अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस समय आप अपनी पूजा-पाठ और घट स्थापना कर सकते हैं।

    मां शैलपुत्री प्रिय भोग -

    बर्फी, घर पर दूध से बनी शुद्ध मिठाई, हलवा, रबड़ी व मावे के लड्डू आदि।

    नवरात्र पूजा विधि (Chaitra Navratri 2025 Puja Vidhi)

    • स्नान करने के बाद ही पूजा घर को साफ करें और फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
    • मिट्टी के बर्तन में जौ बोएं।
    • एक कलश में गंगाजल भरकर उसमें सुपारी, दूर्वा घास, अक्षत और सिक्के डालें।
    • कलश के मुख पर आम के पत्ते रखें और उस पर नारियल रखें।
    • कलश को जौ के बर्तन के ऊपर रखें।
    • देवी दुर्गा का आह्वान करें और नौ दिनों तक उनकी विधिपूर्वक पूजा करें।
    • इस दौरान भक्त नौ दिनों तक उपवास रखें।
    • देवी दुर्गा की प्रतिदिन सुबह और शाम भाव के साथ आरती करें।
    • रोजाना या फिर अष्टमी-नवमी के दिन कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन कराएं।
    • इस दौरान सात्विक भोजन करें और तामसिक भोजन से बचें।
    • घर में स्वच्छता बनाए रखें और किसी से विवाद न करें।
    • इस दौरान तामसिक चीजों से दूर रहें।
    • इस दौरान महिलाओं का अपमान न करें।

    मां दुर्गा पूजा मंत्र (Chaitra Navratri 2025 Mantra)

    • ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।
    • देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
    • रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
    • सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते।।
    • या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।