Chaitra Navratri 2024 Day 6: रोग और संताप से मुक्ति दिलाती हैं मां कात्यायनी, पूजा में करें इन मंत्रों के जाप
मां कात्यायनी को देवी दुर्गा का छठवां स्वरूप माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार व्यक्ति को इनकी आराधना से रोग शोक संताप आदि से मुक्ति मिल सकती है। ऐसे में नवरात्र के छठे दिन पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप जरूर करें ताकि आपको मां कात्यायनी की कृपा प्राप्त हो सके। आइए पढ़ते हैं मां कात्यायनी की कृपा प्राप्ति के मंत्र।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Maa Katyayni Puja Vidhi: नवरात्र के नौ दिनों के दौरान आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। नवरात्र के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है। मां कात्यायनी को मां दुर्गा का ज्वलंत स्वरूप कहा जाता है।
इनके स्वरूप की बात करें, तो यह मां दुर्गा की तरह ही शेर पर सवार हैं। इसकी चार भुजाएं हैं। माना जाता है कि मां कात्यायनी की कृपा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है। इसके साथ ही जिस भी व्यक्ति पर मां कात्यायनी की कृपा बरसती है उसे शक्ति, यश और सफलता की प्राप्ति हो सकती है।
मां कात्यायनी के मंत्र (Maa Katyayani Mantras)
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
नवरात्र की पूजा में इस मंत्र का जाप करने से साधक पर मां कात्यायनी की कृपा बनी रहती है। जिससे घर परिवार में जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
मां कात्यायनी का स्तुति मंत्र -
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
प्रार्थना मंत्र -
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
मां कात्यायनी का बीज मंत्र -
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद लाल चंदन की माला से मां कात्यायनी के बीज मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से साधक को कई तरह के लाभ देखने को मिल सकते हैं।
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अन्य मंत्र
- 'ॐ ह्रीं नम:।।'
- चन्द्रहासोज्जवलकराशार्दुलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
- ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
मां कात्यायनी की पूजा में इन मंत्रों का जाप करने से साधक को जीवन में बहुत से लाभ देखने को मिल सकते हैं। साथ ही इससे व्यक्ति के भय का भी नाश होता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि मां कात्यायनी की कृपा से साधक को मनचाहे जीवनसाथी की भी प्राप्ति हो सकती है।
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