Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chaitra Amavasya 2025: चैत्र अमावस्या पर 'ब्रह्म' योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, मिलेगा दोगुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 17 Mar 2025 10:30 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya 2025) के दिन न्याय के देवता शनिदेव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। इस दिन से कई राशि के जातकों के अच्छे दिन शुरू होंगे। वहीं मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू होगी। वहीं देवगुरु बृहस्पति मई महीने में राशि परिवर्तन करेंगे। अमावस्या तिथि पर बड़ी संख्या में श्रद्धाल गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं।

    Hero Image
    Chaitra Amavasya 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग गणना के अनुसार, शनिवार 29 मार्च को चैत्र अमावस्या है। चैत्र अमावस्या तिथि पर न्याय के देवता शनिदेव अपनी चाल बदलेंगे। शनिदेव की चाल बदलने से कई राशि के जातक मालामाल होंगे। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव की पूजा करने से साधक को अक्षय और अमोघ फल की प्राप्ति होगी। साथ ही सभी प्रकार के बिगड़े काम बन जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र अमावस्या पर दुर्लभ ब्रह्म योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में स्नान-ध्यान कर देवों के देव महादेव एवं शनिदेव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए, चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya 2025)  पर बनने वाले शुभ योग के बारे में जानते हैं-

    यह भी पढ़ें: कब खत्म होगा खरमास? इन उपायों से पाएं नौकरी में प्रमोशन

    चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 मार्च को रात 07 बजकर 55 मिनट पर होगी और 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि अनुसार, 29 मार्च को चैत्र अमावस्या मनाई जाएगी। साधक स्थानीय ज्योतिष या योग्य पंडित से सलाह लेकर दिन के समय (ग्रहण के बाद) स्नान-ध्यान कर महादेव की पूजा कर सकते हैं।

    चैत्र अमावस्या शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र अमावस्या पर ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। ब्रह्म योग का संयोग देर रात 10 बजकर 04 मिनट तक है। इसके बाद इन्द्र योग का संयोग है। ज्योतिष इन्द्र एवं ब्रह्म योग को शुभ मानते हैं। इन योग में महादेव की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाएंगे।

    शिववास योग

    शनि अमावस्या के शुभ अवसर पर शिववास योग का भी संयोग है। शिववास योग शाम 04 बजकर 27 मिनट है। इस समय में देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव और जगत जननी की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 37 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 28 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: शनि की चाल बदलने से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, दूर होगी घर में छाई कंगाली

    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।