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    Chaitra Amavasya 2025: चैत्र अमावस्या पर करें मां गंगा के नामों का जप और आरती, नष्ट हो जाएंगे सारे पाप

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya 2025 Date) के दिन न्याय के देवता शनिदेव राशि बदलेंगे। इस दिन शनिदेव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू होगी। वहीं मकर राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 24 Mar 2025 08:00 PM (IST)
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    Chaitra Amavasya 2025: चैत्र अमावस्या पर क्या करें और क्या न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 मार्च को चैत्र अमावस्या है। चैत्र अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है। शनिवार के दिन पड़ने के चलते यह शनि अमावस्या कहलाएगी। अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान करने का विधान है। साथ ही पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है।

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    चैत्र अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही साधक पर मां गंगा की कृपा बरसती है। वहीं, अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। अगर आप भी जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो चैत्र अमावस्या के दिन गंगा स्नान करें। असुविधा होने पर घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। वहीं, पूजा के समय मां गंगा के नामों का जप करें। वहीं, पूजा का समापन के समया आरती अवश्य करें-

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    मां गंगा के 108 नाम

    1. ॐ गंगायै नमः

    2. ॐ विष्णुपादसंभूतायै नमः

    3. ॐ हरवल्लभायै नमः

    4. ॐ हिमाचलेन्द्रतनयायै नमः

    5. ॐ गिरिमण्डलगामिन्यै नमः

    6. ॐ तारकारातिजनन्यै नमः

    7. ॐ ओंकाररूपिण्यै नमः

    8. ॐ अनलायै नमः

    9. ॐ क्रीडाकल्लोलकारिण्यै नमः

    10. ॐ स्वर्गसोपानशरण्यै नमः

    11. ॐ सर्वदेवस्वरूपिण्यै नमः

    12. ॐ अंबःप्रदायै नमः

    13. ॐ सगरात्मजतारकायै नमः

    14. ॐ सरस्वतीसमयुक्तायै नमः

    15. ॐ सुघोषायै नमः

    16. ॐ सिन्धुगामिन्यै नमः

    17. ॐ भागीरत्यै नमः

    18. ॐ भाग्यवत्यै नमः

    19. ॐ भगीरतरथानुगायै नमः

    20. ॐ त्रिविक्रमपदोद्भूतायै नमः

    21. ॐ त्रिलोकपथगामिन्यै नमः

    22. ॐ क्षीरशुभ्रायै नमः

    23. ॐ नरकभीतिहृते नमः

    24. ॐ अव्ययायै नमः

    25. ॐ नयनानन्ददायिन्यै नमः

    26. ॐ नगपुत्रिकायै नमः

    27. ॐ निरञ्जनायै नमः

    28. ॐ नित्यशुद्धायै नमः

    29. ॐ उमासपत्न्यै नमः

    30. ॐ शुभ्राङ्गायै नमः

    31. ॐ श्रीमत्यै नमः

    32. ॐ धवलांबरायै नमः

    33. ॐ आखण्डलवनवासायै नमः

    34. ॐ कंठेन्दुकृतशेकरायै नमः

    35. ॐ अमृताकारसलिलायै नमः

    36. ॐ लीलालिंगितपर्वतायै नमः

    37. ॐ विरिञ्चिकलशावासायै नमः

    38. ॐ त्रिवेण्यै नमः

    39. ॐ पुरातनायै नमः

    40. ॐ पुण्यायै नमः

    41. ॐ पुण्यदायै नमः

    42. ॐ पुण्यवाहिन्यै नमः

    43. ॐ पुलोमजार्चितायै नमः

    44. ॐ भूदायै नमः

    45. ॐ पूतत्रिभुवनायै नमः

    46. ॐ जयायै नमः

    47. ॐ जंगमायै नमः

    48. ॐ जंगमाधारायै नमः

    49. ॐ जलरूपायै नमः

    50. ॐ जगद्धात्र्यै नमः

    51. ॐ जगद्भूतायै नमः

    52. ॐ जनार्चितायै नमः

    53. ॐ जह्नुपुत्र्यै नमः

    54. ॐ नीरजालिपरिष्कृतायै नमः

    55. ॐ सावित्र्यै नमः

    56. ॐ सलिलावासायै नमः

    57. ॐ सागरांबुसमेधिन्यै नमः

    58. ॐ रम्यायै नमः

    59. ॐ बिन्दुसरसे नमः

    60. ॐ अव्यक्तायै नमः

    61. ॐ अव्यक्तरूपधृते नमः

    62. ॐ जगन्मात्रे नमः

    63. ॐ त्रिगुणात्मकायै नमः

    64. ॐ संगत अघौघशमन्यै नमः

    65. ॐ भीतिहर्त्रे नमः

    66. ॐ शंखदुंदुभिनिस्वनायै नमः

    67. ॐ भाग्यदायिन्यै नमः

    68. ॐ नन्दिन्यै नमः

    69. ॐ शीघ्रगायै नमः

    70. ॐ शरण्यै नमः

    71. ॐ शशिशेकरायै नमः

    72. ॐ शाङ्कर्यै नमः

    73. ॐ शफरीपूर्णायै नमः

    74. ॐ भर्गमूर्धकृतालयायै नमः

    75. ॐ भवप्रियायै नमः ।

    76. ॐ सत्यसन्धप्रियायै नमः

    77. ॐ हंसस्वरूपिण्यै नमः

    78. ॐ भगीरतभृतायै नमः

    79. ॐ अनन्तायै नमः

    80. ॐ शरच्चन्द्रनिभाननायै नमः

    81. ॐ दुःखहन्त्र्यैनमः

    82. ॐ शान्तिसन्तानकारिण्यै नमः

    83. ॐ दारिद्र्यहन्त्र्यै नमः

    84. ॐ शिवदायै नमः

    85. ॐ संसारविषनाशिन्यै नमः

    86. ॐ प्रयागनिलयायै नमः

    87. ॐ श्रीदायै नमः

    88. ॐ तापत्रयविमोचिन्यै नमः

    89. ॐ शरणागतदीनार्तपरित्राणायै नमः

    90. ॐ सुमुक्तिदायै नमः

    91. ॐ पापहन्त्र्यै नमः

    92. ॐ पावनाङ्गायै नमः

    93. ॐ परब्रह्मस्वरूपिण्यै नमः

    94. ॐ पूर्णायै नमः

    95. ॐ जंभूद्वीपविहारिण्यै नमः

    96. ॐ भवपत्न्यै नमः

    97. ॐ भीष्ममात्रे नमः

    98. ॐ सिक्तायै नमः

    99. ॐ रम्यरूपधृते नमः

    100. ॐ उमासहोदर्यै नमः

    101. ॐ बहुक्षीरायै नमः

    102. ॐ क्षीरवृक्षसमाकुलायै नमः

    103. ॐ त्रिलोचनजटावासायै नमः

    104. ॐ ऋणत्रयविमोचिन्यै नमः

    105. ॐ त्रिपुरारिशिरःचूडायै नमः

    106. ॐ जाह्नव्यै नमः

    107. ॐ अज्ञानतिमिरापहृते नमः

    108. ॐ शुभायै नमः

    आरती श्री गंगाजी 

    ॐ जय गंगे माता,मैया जय गंगे माता।

    जो नर तुमको ध्याता,मनवांछित फल पाता॥

    ॐ जय गंगे माता...

    चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी,जल निर्मल आता।

    शरण पड़े जो तेरी,सो नर तर जाता॥

    ॐ जय गंगे माता...

    पुत्र सगर के तारे,सब जग को ज्ञाता।

    कृपा दृष्टि हो तुम्हारी,त्रिभुवन सुख दाता॥

    ॐ जय गंगे माता...

    एक बार जो प्राणी,शरण तेरी आता।

    यम की त्रास मिटाकर,परमगति पाता॥

    ॐ जय गंगे माता...

    आरती मातु तुम्हारी,जो नर नित गाता।

    सेवक वही सहज में,मुक्ति को पाता॥

    ॐ जय गंगे माता...

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