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    क्या सफर में अपने साथ ले जा सकते हैं हनुमान चालीसा? इन बातों का जरूर रखें ध्यान

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 12:56 PM (IST)

    रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है। कुछ लोग बिजी शेड्यूल के चलते सफर करते समय अपने साथ हनुमान चालीसा रखते हैं ताकि समय मिलने पर पाठ कर सकें। लेकिन क्या सफर में अपने साथ हनुमान चालीसा ले जाना ठीक है? चलिए जानते हैं इस बारे में।

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    सफर में हनुमान चालीसा पाठ के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा एक लोकप्रिय कृति है, जिसके पाठ से साधक को जीवन में अद्भुत परिणाम देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में यदि आप यात्रा के दौरान हनुमान चालीसा अपने साथ रखते हैं, तो इससे जुड़े कुछ नियमों का भी जरूर ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपको पाठ का पूर्ण लाभ मिल सके।

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    जरूर रखें इन बातों का ध्यान

    हिंदू धर्म में हनुमान चालीसा को बहुत ही पवित्र माना गया है। ऐसे में अगर आप यात्रा के दौरान इसे अपने साथ ले जा रहे हैं, तो इसकी पवित्रता का ध्यान जरूर रखें। शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि किसी भी धार्मिक ग्रंथ की पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए और इसे हमेशा साफ और पवित्र स्थान पर रखना चाहिए। तभी इसके पाठ का पूर्ण लाभ मिल सकता है, वरना आपको दोष का सामना करना पड़ सकता है।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    तभी मिलेगा लाभ

    यात्रा करते समय हनुमान चालीसा को किसी गंदे पॉलीथिन या कपड़े में न रखें। इसे रखने के लिए चमड़े से बनी चीजों का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यदि आप शौचालय आदि का इस्तेमाल करते हैं, तो हाथ धोने के बाद ही इसे छुएं। इसके साथ ही मांसाहारी भोजन वाली जगहों पर भी हनुमान चालीसा को ले जाने से बचें। तभी आपको हनुमान चालीसा पाठ का पूर्ण लाभ मिल सकता है।

    जानें पाठ के नियम

    हनुमान चालीसा का पाठ करते समय बातें न करें। पाठ के समय आप स्नान किए हुए और साफ-सुथरे कपड़े पहने हुए होने चाहिए। पाठ शुरू करने से पहले भगवान श्रीराम का आह्वान भी जरूर करें। सीधे हनुमान चालीसा का पाठ शुरू न करें, बल्कि इससे पहले दोहे का पाठ करना भी जरूर है। आप हनुमान चालीसा का पाठ, 11, 9, 7, 3, या फिर 1 बार कर सकते हैं, जो शुभ माना गया है।

    (Picture Credit: Freepik)

    न करें ये गलतियां

    जो भक्त नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, उन्हें मांस-मदिरा से दूरी बनानी चाहिए। इसके साथ ही तेज स्वर में हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए। इसका पाछ हमेशा मध्यम स्वर में करना चाहिए। साथ ही इस बात का ध्यान भी जरूर रखें कि आपके उच्चारण में कोई गलती न हो। हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान किसी भी तरह की जल्दबाजी न करें। इन सभी बातों का ध्यान रखने पर आपको पाठ करने के अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।