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    Lord Ganesh: बुधवार के दिन इन गलतियों को करने से जीवन में आएंगी परेशानियां, गणेश जी को ऐसे करें प्रसन्न

    Updated: Tue, 05 Nov 2024 05:58 PM (IST)

    सनातन धर्म सप्ताह के सभी किसी-न-किसी देवी-देवता को समर्पित हैं। इसी प्रकार बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गणपति बप्पा (Lord Ganesh Puja Vidhi) की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। इस दिन पूजा के दौरान गणेश जी की आरती जरूर करनी चाहिए। इससे जातक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

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    Lord Ganesh: बुधवार को भूलकर भी न करें ये कार्य

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Budhwar Ke Upay: सनातन धर्म में भगवान गणेश की पूजा शुभ और मांगलिक कार्यों में सर्वप्रथम करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश की उपासना विधिपूर्वक करने से आय, सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। साथ ही आर्थिक तंगी से छुटकारा मितला है। इसके अलावा बुधवार व्रत करने से सभी तरह के संकट दूर होते हैं। मान्यता है कि इस दिन कुछ गलतियों को करने से जातक को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आइए इस लेख में जानते हैं कि बुधवार के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए?

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    भूलकर न करें ये कार्य

    • सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के वस्त्र को धारण करना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस दिन पूजा के समय काले रंग वस्त्र न पहनें, क्योंकि इसका असर वैवाहिक जीवन पर पड़ सकता है। बुधवार को हरे और पीले रंग के वस्त्र को पहनना शुभ माना जाता है।

    • बुधवार के दिन किसी से पैसों से जुड़ा लेन-देन नहीं करना चाहिए। साथ ही किसी को उधार देने से बचना चाहिए, क्योंकि बुधवार का संबंध बुध ग्रह से भी माना गया है। इसलिए इस कार्य को करने से जातक को जीवन में बुरे परिणाम का सामना करना पड़ सकता है।
    • इसके अलावा बुधवार के दिन किसी से अपशब्द नहीं बोलने चाहिए और किसी से वाद-विवाद भी नहीं करना चाहिए।

    मान्यता है कि बुधवार की पूजा में भगवान गणेश की आरती न करने से पूजा सफल नहीं होती है। इसलिए नीचे दी गई इस आरती को जरूर करें।

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    ॥श्री गणेश जी की आरती॥ (Ganesh Ji ki Aarti)

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    ‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।