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    Budh Pradosh Vrat 2024: बुध प्रदोष के दिन शिव जी को चढ़ाएं ये 2 अनाज, घर नें बनी रहेगी सुख-शांति

    बुध प्रदोष के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। इस बार प्रदोष व्रत 19 जून 2024 दिन बुधवार को मनाया जाएगा। बुधवार को पड़ने की वजह से इसे बुध प्रदोष के नाम से जाना जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कुछ कार्य बताए गए हैं जिन्हें करने से घर में सुख और शांति बनी रहती है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 15 Jun 2024 11:53 AM (IST)
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    Budh Pradosh Vrat 2024: बुध प्रदोष पर चढ़ाएं ये चीजें -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। बुध प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही परिवार में खुशहाली आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। इस बार प्रदोष व्रत 19 जून, 2024 दिन बुधवार को मनाया जाएगा। बुधवार को पड़ने की वजह से इसे बुध प्रदोष (Budh Pradosh Vrat 2024) के नाम से जाना जाता है।

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    वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कुछ कार्य बताए गए हैं, जिन्हें करने से घर में सुख और शांति बनी रहती है। दरअसल, इस तिथि पर भगवान शिव को कुछ ऐसे अनाज हैं, जिन्हें अर्पित करना अच्छा माना जाता है, तो आइए जानते हैं -

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    शिव जी को चढ़ाएं जौ

    बुध प्रदोष के दिन भगवान शंकर को जौ चढ़ाना अति लाभकारी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जून मास में अत्यधिक गर्मी पड़ती है और जौ ठंडा होता है। इसलिए भोलेनाथ को जौ चढ़ाना चाहिए। इससे उनका पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही कुंडली से राहु का अशुभ प्रभाव भी समाप्त होता है।

    भगवान शंकर को चढ़ाएं चावल

    बुध प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर चावल चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। वैसे भी अक्षत के रूप में चावल हर पूजा में चढ़ाया जाता है। इससे घर में बरकत बनी रहती है। साथ ही धन से जुड़ी सभी समस्याओं का अंत होता है। ऐसे में इस शुभ अवसर पर महादेव को जल जरूर चढ़ाएं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।