Budh Grah ke Upay: बुध ग्रह को इस तरह करें मजबूत, दिन-रात बढ़ेगा कारोबार
ज्योतिष शस्त्र की मान्यताओं के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति कमजोर होती है, तो ऐसी स्थिति में उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप अपनी कुंडली में किस तरह बुध ग्रह की स्थिति मजबूत कर सकते हैं।

Budh Grah ke Upay बुध ग्रह को कैसे करे मजबूत?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में बुध देव को एक शुभ ग्रह के रूप में देखा जाता है, जो बुद्धि, तर्क और संवाद के कारक हैं। ऐसे में जिन जातकों की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है, वह जातक बुद्धिमान, तार्किक और कुशल वक्ता होते हैं। ऐसे में अगर आप भी अपनी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत करना चाहते हैं, तो इसके लिए ये उपाय कर सकते हैं।
बुध ग्रह मजबूत करने के उपाय
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए बुधवार का व्रत रखें। कम-से-कम 27 बुधवार तक व्रत रखना फायदेमंद माना जाता है। इसी के साथ नियमित रूप से विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा करें और भगवान गणेश का पूजन करें।
तुलसी से संबंधित उपाय
तुलसी का पौधा लगाएं और रविवार व एकादशी को छोड़कर हर दिन तुलसी के पौधे पर जल दें। इसी के साथ बुधवार के दिन तुलसी के पत्ते का सेवन करें। ऐसा करने से भी आपको अपनी स्थिति में लाभ देखने को मिल सकता है।

जरूर करें ये काम
बुध की स्थिति मजबूत करने के लिए हरे रंग की वस्तुओं का दान करें। इसी के साथ बुधवार को गाय को हरा चारा या फिर पालक खिलाएं। बुध के कमजोर प्रभाव को मजबूत करने के लिए आप पन्ना भी पहन सकते हैं। लेकिन इससे पहले किसी अनुभवी ज्योतिष शास्त्री की सलाह जरूर लें।
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मिलेगा लाभ
बुध की स्थिति मजबूत करने के लिए आप यह उपाय भी कर सकते हैं। इसके लिए रात को सोते समय बिस्तर के पास एक बर्तन में पानी भरकर रखें। अगली सुबह इस पानी को पीपल की जड़ पर चढ़ा दें। इसके साथ ही बुध ग्रह मजबूत करने लिए दान-पुण्य भी अवश्य करें। साथ ही आपको बगीचा बनवाने या पेड़ लगाने से भी लाभ देखने को मिल सकता है।

(Picture Credit: Freepik)
करें इन मंत्रों का जप
कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत करने के लिए बुध देव के मंत्रों का जप करना उपयोगी माना जाता है। ऐसे में आप रोजाना इस मंत्रों का जप कर सकते हैं।
1. ॐ प्रियङ्गुलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्।सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्।।
2. ॐ सौम्यरुपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नौ सौम्यः प्रचोदयात्।।
3. ॐ उदबुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।
4. ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।।
5. ॐ ऐं स्त्रीं श्रीं बुधाय नमः
6. ऊं बुं बुधाय नमः
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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