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    Buddha Purnima 2025: बुद्ध पूर्णिमा कब है? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 26 Mar 2025 09:00 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि वैशाख पूर्णिमा (Buddha Purnima 2025) पर भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। वैशाख पूर्णिमा के दिन बौद्ध मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जाता है। लोग अपने घरों पर भगवान बुद्ध की भक्ति भाव से पूजा करते हैं।

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    Buddha Purnima 2025: बुद्ध पूर्णिमा पर क्या करें और क्या न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन और बौद्ध धर्म में वैशाख पूर्णिमा का खास महत्व है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है। साथ ही श्री सत्यनारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। वैशाख पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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    बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए वैशाख पूर्णिमा प्रमुख त्योहार है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। आसान शब्दों में कहें तो वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की विशेष पूजा की जाती है। आइए, बुद्ध पूर्णिमा की सही डेट (Buddha Purnima 2025 Kab Hai) एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    बुद्ध पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Buddha Purnima Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा की शुरुआत 11 मई को शाम 08 बजकर 01 मिनट पर होगी। वहीं, 12 मई को रात 10 बजकर 25 मिनट पर वैशाख पूर्णिमा तिथि का समापन होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 06 बजकर 57 मिनट पर होगा।

    बुद्ध पूर्णिमा शुभ योग (Buddha Purnima Shubh Yog)

    बुद्ध पूर्णिमा पर वरीयान और रवि योग का संयोग बन रहा है। वरीयान योग पूर्ण रात्रि तक है। वहीं, रवि योग सुबह 05 बजकर 32 मिनट से लेकर 06 बजकर 17 मिनट तक है। इसके साथ ही भद्रावास का भी संयोग है। भद्रावास का संयोग सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक है। इन योग में गंगा स्नान कर भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध की पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 32 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 03 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 57 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 08 मिनट से 04 बजकर 50 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 02 मिनट से 06 बजकर 23 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।