Brahma Muhurat: ब्रह्म मुहूर्त में जरूर करें ये काम, ताकि बने रहे देवी-देवताओं की कृपा
आपने सुना होगा कि अगर दिन की शुरुआत अच्छी हो तो पूरा दिन अच्छा जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त एक ऐसा समय है जिसे बहुत ही शुभ और पवित्र माना गया है। यह भी कहा गया है कि इस मुहूर्त में कुछ विशेष कार्य करने से आपको शुभ परिणाम मिल सकते है। चलिए जानते हैं इस बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ब्रह्म मुहूर्त का अर्थ है 'परमात्मा का समय'। ऐसा माना जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurat ke Upay) में देवी-देवता धरती पर आते हैं। साथ ही इस समय में वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी सबसे अधिक होता है। ऐसे में अगर आप इस समय में कुछ विशेष उपाय करते हैं, तो इससे आपको देवी-देवताओं की कृपा मिल सकती है।
ब्रह्म मुहूर्त का समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त का समय लगभग प्रातः 4 बजे से लेकर 5 बजकर 30 मिनट तक का होता है। माना जाता है कि इस शुभ समय में देवी-देवताओं की पूजा भी जरूर करना चाहिए, ताकि आपके ऊपर उनकी कृपा दृष्टि बनी रहे।
जरूर करें ये काम
ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति की हथेलियां में देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए सुबह अपनी हथेली को देखते हुए इस मंत्र का जप करना चाहिए। ऐसा करने से साधक पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता।
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती, करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्'
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करें इस मंत्र का जप
ब्रह्म मुहूर्त में जागकर स्नान आदि करें। इसके बाद सुखासन में बैठकर अपने ईष्ट देव का ध्यान करें। इसके साथ ही आप इन मंत्रों के जप से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मंत्र जप पूरा होने के बाद हाथ में थोड़ा-सा जल लेकर अपनी मनोकामना कहें और जल छोड़ दें। माना जाता है कि ऐसा करने से आपको मनोकामनाएं जल्द पूरी हो सकती हैं।
गायत्री मंत्र -
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्यः धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
महामृत्युंजय मंत्र -
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
ध्यान रखें ये बातें
ब्रह्म मुहूर्त में सोने से बचें और न ही इस समय में मन में कोई नकारात्मक विचार लाएं। ब्रह्म मुहूर्त में कभी भी भोजन करना, लड़ाई-झगड़ा करना या फिर किसी का अनादर आदि नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपको अशुभ परिणाम भी मिल सकते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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