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    Bhishma Ashtami 2026: कब मनाई जाएगी भीष्म अष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 07:00 PM (IST)

    हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। यह दिन महाभारत के महान योद्धा भीष्म पितामह को समर्पित है, जिन्हों ...और पढ़ें

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    Bhishma Ashtami 2026: भीष्म अष्टमी का धार्मिक महत्व

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। यह दिन महाभारत के महान योद्धा भीष्म पितामह को समर्पित होता है। सनातन शास्त्रों की मानें तो महाभारत युद्ध के बाद सूर्य उत्तरायण होने तक बाणों की शैय्या पर पड़े थे।

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    जब सूर्य उत्तरायण हुए, तो माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भीष्म पितामह ने अपने प्राण का त्याग किया था। अतः हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। आइए, भीष्म अष्टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

    कब है उत्तरायण?

    ज्योतिषियों की मानें तो 14 जनवरी को आत्मा के कारक सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने के साथ ही खरमास समाप्त होगा। वहीं, सूर्य देव उत्तरायण भी होंगे। इससे पूर्व सूर्य दक्षिणायन रहते हैं। भीष्म पितामह ने सूर्य उत्तरायण होने के बाद प्राण का त्याग किया था।

    भीष्म अष्टमी शुभ मुहूर्त (Bhishma Ashtami Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 25 जनवरी को देर रात 11 बजकर 10 मिनट पर होगी। वहीं, शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन 26 जनवरी को रात 09 बजकर 17 मिनट पर होगा। उदया तिथि की गणना से 26 जनवरी को भीष्म अष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन एकोदिष्ट श्राद्ध का समय सुबह 11 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक है।

    भीष्म अष्टमी शुभ योग (Bhishma Ashtami Shubh Yoga)

    भीष्म अष्टमी के दिन साध्य और शुभ योग का संयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर भद्रावास का संयोग भी बन रहा है। इन योग में पितरों का तर्पण एवं एकोदिष्ट श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होगी।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।