Bhishma Ashtami 2025: भीष्म अष्टमी पर भद्रावास समेत बन रहे हैं 6 मंगलकारी संयोग, मिलेगा दोगुना फल
धार्मिक मत है कि माघ महीने में (Bhishma Ashtami 2025) गुप्त नवरात्र भी मनाया जाता है। गुप्त नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। वहीं अष्टमी तिथि पर मां बगलामुखी की पूजा की जाती है। साथ ही मां बगलामुखी के निमित्त व्रत रखा जाता है। इस शुभ अवसर पर भीष्म अष्टमी भी मनाई जाएगी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 05 फरवरी को भीष्म अष्टमी है। यह पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर महाभारत के महान योद्धा भीष्म पितामह ने अपने देह का त्याग किया था। इस शुभ अवसर पर भीष्म अष्टमी मनाई जाती है।
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भीष्म अष्टमी शुभ मुहूर्त (Bhishma Ashtami Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 05 फरवरी को देर रात 02 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की समाप्ति 06 फरवरी को देर रात 12 बजकर 35 मिनट पर होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय के बाद से तिथि की गणना की जाती है। इस प्रकार 05 फरवरी को भीष्म अष्टमी मनाई जाएगी। एकोदिष्ट श्राद्ध का समय सुबह 11 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक है।
भीष्म अष्टमी शुभ योग (Bhishma Ashtami Shubh Yoga)
माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर शुक्ल योग का संयोग बन रहा है। शुक्ल योग का संयोग रात 09 बजकर 19 मिनट तक है। इसके बाद ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शुक्ल और ब्रह्म योग को शुभ मानते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग
माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी यानी भीष्म अष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इन दोनों योग का निर्माण शाम 08 बजकर 33 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन 06 फरवरी को सुबह 07 बजकर 06 मिनट पर हो रहा है।
भद्रावास योग
माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भद्रावास योग का भी संयोग है। इस दिन भद्रा दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक स्वर्ग में रहेंगी। इसके साथ ही बव करण के योग बन रहे हैं। इस शुभ अवसर पर एकोदिष्ट श्राद्ध किया जाता है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 04 मिनट पर
- चन्द्रोदय- सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर
- चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 30 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 15 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 25 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 01 मिनट से 06 बजकर 27 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक
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