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    Pradosh Vrat 2025: भौम प्रदोष व्रत पर करें इन मंत्रों का जप, दूर हो जाएंगे सभी संकट

    मंगलवार के दिन पड़ने के चलते यह भौम प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) कहलाएगा। भौम प्रदोष व्रत करने से साधक को आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है। साथ ही सुख और सौभागय में अपार वृद्धि होती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। भौम प्रदोष व्रत पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 10 Mar 2025 10:30 PM (IST)
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    Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 11 मार्च को प्रदोष व्रत है। यह पर्व हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा करते हैं। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। अगर आप भी शिव-शक्ति की कृपा पाना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत पर पूजा के समय इन मंत्रों का जप और पूजा के अंत में आरती अवश्य करें।

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    मां पार्वती के 108 नाम

    1. ॐ पार्वतीयै नमः
    2. ॐ महा देव्यै नमः
    3. ॐ जगन्मात्रे नमः
    4. ॐ सरस्वत्यै नमः
    5. ॐ चण्डिकायै नमः
    6. ॐ लोक जनन्यायै नमः
    7. ॐ सर्वदेवादि देवतायै नमः
    8. ॐ शिवदुत्यै नमः
    9. ॐ विशालाक्ष्यै नमः
    10. ॐ चामुण्डायै नमः
    11. ॐ विष्णु सोदर्यै नमः
    12. ॐ चित्कलायै नमः
    13. ॐ चिन्मयाकरायै नमः
    14. ॐ महिषासुर मर्दन्यायै नमः
    15. ॐ कात्यायन्यै नमः
    16. ॐ काला रूपायै नमः
    17. ॐ गौरीयै नमः
    18. ॐ परमायै नमः
    19. ॐ ईशायै नमः
    20. ॐ नागेन्द्र तनयै नमः
    21. ॐ रौद्र्यै नमः
    22. ॐ कालरात्र्यै नमः
    23. ॐ तपस्विन्यै नमः
    24. ॐ गिरिजायै नमः
    25. ॐ मेनकथमजयै नमः
    26. ॐ भवन्यै नमः
    27. ॐ जनस्थानायै नमः
    28. ॐ वीर पथ्न्यायै नमः
    29. ॐ विरुपाक्ष्यै नमः
    30. ॐ वीराराधिथयै नमः
    31. ॐ हेमा भासयै नमः
    32. ॐ सृष्टि रूपायै नमः
    33. ॐ सृष्टि संहार करिण्यै नमः
    34. ॐ मातृकायै नमः
    35. ॐ महागौर्यै नमः
    36. ॐ रामायै नमः
    37. ॐ रामायै नमः
    38. ॐ शुचि स्मितयै नमः
    39. ॐ ब्रह्म स्वरूपिण्यै नमः
    40. ॐ राज्य लक्ष्म्यै नमः
    41. ॐ शिव प्रियायै नमः
    42. ॐ नारायण्यै नमः
    43. ॐ महा शक्तियै नमः
    44. ॐ नवोदयै नमः
    45. ॐ भाग्य दायिन्यै नमः
    46. ॐ अन्नपूर्णायै नमः
    47. ॐ सदानंदायै नमः
    48. ॐ यौवनायै नमः
    49. ॐ मोहिन्यै नमः
    50. ॐ सथ्यै नमः
    51. ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः
    52. ॐ शर्वाण्यै नमः
    53. ॐ देव मात्रे नमः
    54. ॐ त्रिलोचन्यै नमः
    55. ॐ ब्रह्मण्यै नमः
    56. ॐ वैष्णव्यै नमः
    57. ॐ अज्ञान शुद्ध्यै नमः
    58. ॐ ज्ञान गमयै नमः
    59. ॐ नित्यायै नमः
    60. ॐ नित्य स्वरूपिण्यै नमः
    61. ॐ कमलयै नमः
    62. ॐ कमलाकारायै नमः
    63. ॐ रक्तवर्णयै नमः
    64. ॐ कलानिधाय नमः
    65. ॐ मधु प्रियायै नमः
    66. ॐ कल्याण्यै नमः
    67. ॐ करुणायै नमः
    68. ॐ हरवः समायुक्त मुनि मोक्ष परायणै नमः
    69. ॐ धराधारा भवायै नमः
    70. ॐ मुक्तायै नमः
    71. ॐ वर मंत्रायै नमः
    72. ॐ शम्भव्यै नमः
    73. ॐ प्रणवथ्मिकायै नमः
    74. ॐ श्री महागौर्यै नमः
    75. ॐ रामजानयै नमः
    76. ॐ यौवनाकारायै नमः
    77. ॐ परमेष प्रियायै नमः
    78. ॐ परायै नमः
    79. ॐ पुष्पिन्यै नमः
    80. ॐ पुष्प कारायै नमः
    81. ॐ पुरुषार्थ प्रदायिन्यै नमः
    82. ॐ महा रूपायै नमः
    83. ॐ महा रौद्र्यै नमः
    84. ॐ कामाक्ष्यै नमः
    85. ॐ वामदेव्यै नमः
    86. ॐ वरदायै नमः
    87. ॐ वर यंत्रायै नमः
    88. ॐ काराप्रदायै नमः
    89. ॐ कल्याण्यै नमः
    90. ॐ वाग्भव्यै नमः
    91. ॐ देव्यै नमः
    92. ॐ क्लीं कारिण्यै नमः
    93. ॐ संविधेय नमः
    94. ॐ ईश्वर्यै नमः
    95. ॐ ह्रींकारं बीजायै नमः
    96. ॐ भय नाशिन्यै नमः
    97. ॐ वाग्देव्यै नमः
    98. ॐ वचनायै नमः
    99. ॐ वाराह्यै नमः
    100. ॐ विश्व तोशिन्यै नमः
    101. ॐ वर्धनेयै नमः
    102. ॐ विशालाक्ष्यै नमः
    103. ॐ कुल संपत् प्रदायिन्यै नमः
    104. ॐ अरथ धुकच्छेद्र दक्षायै नमः
    105. ॐ अम्बायै नमः
    106. ॐ निखिला योगिन्यै नमः
    107. ॐ सदापुरा स्थायिन्यै नमः
    108. ॐ तरोर्मुला तलंगथयै नमः

    पार्वती माता की आरती 

    जय पार्वती माताजय पार्वती माता।

    ब्रह्म सनातन देवीशुभ फल की दाता॥

    जय पार्वती माता...

    अरिकुल पद्म विनाशिनिजय सेवक त्राता।

    जग जीवन जगदम्बा,हरिहर गुण गाता॥

    जय पार्वती माता...

    सिंह को वाहन साजे,कुण्डल हैं साथा।

    देव वधू जस गावत,नृत्य करत ताथा॥

    जय पार्वती माता...

    सतयुग रूपशील अतिसुन्दर,नाम सती कहलाता।

    हेमांचल घर जन्मी,सखियन संग राता॥

    जय पार्वती माता...

    शुम्भ निशुम्भ विदारे,हेमांचल स्थाता।

    सहस्र भुजा तनु धरि के,चक्र लियो हाथा॥

    जय पार्वती माता...

    सृष्टि रूप तुही हैजननी शिवसंग रंगराता।

    नन्दी भृंगी बीन लहीसारा जग मदमाता॥

    जय पार्वती माता...

    देवन अरज करतहम चित को लाता।

    गावत दे दे ताली,मन में रंगराता॥

    जय पार्वती माता...

    श्री प्रताप आरती मैया की,जो कोई गाता।

    सदासुखी नित रहतासुख सम्पत्ति पाता॥

    जय पार्वती माता...

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