Bhaum Pradosh Vrat 2025: भौम प्रदोष व्रत पर शिवलिंग में चढ़ाएं ये खास चीजें, कर्ज से मिलेगी मुक्ति
भौम प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है, जो मंगलवार को पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से कर्ज मुक्ति और मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए फलदायी माना जाता है। 2 दिसंबर को पड़ने वाले इस व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2025 Puja Rituals) को लेकर कुछ अचूक उपाय बताए गए हैं, आइए उन्हें जानते हैं।

Bhaum Pradosh Vrat 2025: भौम प्रदोष व्रत पर चढ़ाएं ये चीजें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। हर महीने की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। जब यह त्रयोदशी तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भौम प्रदोष व्रत का सीधा संबंध मंगल ग्रह से होता है, और यह विशेष रूप से कर्ज मुक्ति के लिए बहुत फलदायी माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2025) 02 दिसंबर को रखा जाएगा। आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
शिवलिंग पर चढ़ाएं ये खास वस्तुएं (Offer These Special Things To Shivling)

- मसूर दाल - मंगल ग्रह का संबंध मसूर दाल से माना जाता है। इस दिन शिवलिंग पर एक मुट्ठी मसूर दाल अर्पित करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
- गुलाब जल/लाल चंदन - मंगल को लाल रंग प्रिय है। ऐसे में भौम प्रदोष व्रत वाले दिन शिवलिंग का अभिषेक गुलाब जल से करें और लाल चंदन का लेप लगाएं। इससे मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
- शहद - शिवलिंग पर शहद अर्पित करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।
- गंगाजल और गाय का दूध - प्रदोष व्रत में गंगाजल और गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने से जीवन में खुशहाली आती है। इससे सभी प्रकार के दोषों का नाश होता है।
- बिल्व पत्र - भगवान शिव को बिल्व पत्र बेहद प्रिय है। इसलिए इस शुभ मौके पर 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते हुए कम से कम11 बिल्व पत्र शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से इच्छाओं की पूर्ति होती है।
- खास भोग - पूजा के बाद शिव जी को गुड़ से बनी मिठाई या लाल रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इससे कार्यक्षेत्र में बरकत बनी रहती है।
पूजा विधि (Bhaum Pradosh Vrat 2025 Puja Rituals)
भौम प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। शाम के समय, प्रदोष काल में साफ वस्त्र धारण करें। भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। शिव जी को ऊपर बताई गई सभी चीजें अर्पित करें। इसके बाद शिव चालीसा व 'ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नमः' मंत्र का जाप करें। अंत में, आरती करें और सभी में प्रसाद बांटें।
भौम प्रदोष व्रत का श्रद्धापूर्वक उपवास रखने से भगवान शिव और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे न केवल आर्थिक संकट दूर होते हैं, बल्कि जीवन में सुख-शांति और समृद्धि भी आती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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