Bhanu Saptami पर भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए करें उनकी विशेष आरती, यश में होगी बढ़ोतरी
इस साल भानु सप्तमी (Bhanu Saptami 2024 Date And Shubh Muhurat) 22 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान सूर्य देव की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस मौके पर व्रत करने और पूजा-पाठ करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। अगर आप सूर्य कृपा की कामना रखते हैं तो आपको इस दिन का व्रत रखना चाहिए।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भानु सप्तमी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य की आराधना करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल भानु सप्तमी (Bhanu Saptami 2024 Date And Shubh Muhurat) 22 दिसंबर, 2024 को मनाई जाएगी। वहीं, इस दिन भगवान सूर्य देव की पूजा करने और व्रत रखने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही इस भगवान सूर्य की आरती करने से सूर्य जैसा तेज और मान-सम्मान में वृद्धि होती है, तो आइए यहां पढ़ते हैं।
सूर्य देव की आरती।। (Bhagwan Surya Dev Ji Ki Aarti)
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
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