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    Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतर्थी पर करें बप्पा के इन मंत्रों का जाप, होगा सभी दुखों का नाश

    Updated: Fri, 07 Mar 2025 02:36 PM (IST)

    सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी व्रत बेहद शुभ माना गया है। यह तिथि भगवान गणेश की पूजा के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। पंचांग को देखते हुए चैत्र महीने की भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 17 मार्च 2025 (Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025) को मनाई जाएगी। इस दिन बप्पा की विधिपूर्वक पूजा करें और उनके 108 नामों का जाप करें जो इस प्रकार हैं।

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    Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतर्थी पर करें इन नामों का जाप।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चतुर्थी तिथि हर महीने आती है। यह भगवान गणेश की पूजा के लिए बहुत फलदायी मानी जाती है। चतुर्थी एक महीने में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष यानी 17 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ऐसे में इस दिन (Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025) सुबह उठें और स्नान करें। फिर बप्पा को मोदक, गुड़हल के फूल और दुर्वा अर्पित करें।

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    इसके बाद उनके 108 नामों का जाप करें। अंत में आरती करें। ऐसा करने से जन्मों जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है, तो आइए पढ़ते हैं।

    ।।भगवान गणेश के 108 नाम।।

    • गजानन: ॐ गजाननाय नमः।
    • गणाध्यक्ष: ॐ गणाध्यक्षाय नमः।
    • विघ्नराज: ॐ विघ्नराजाय नमः।
    • विनायक: ॐ विनायकाय नमः।
    • द्वैमातुर: ॐ द्वैमातुराय नमः।
    • द्विमुख: ॐ द्विमुखाय नमः।
    • प्रमुख: ॐ प्रमुखाय नमः।
    • सुमुख: ॐ सुमुखाय नमः।
    • कृति: ॐ कृतिने नमः।
    • सुप्रदीप: ॐ सुप्रदीपाय नमः।
    • सुखनिधी: ॐ सुखनिधये नमः।
    • सुराध्यक्ष: ॐ सुराध्यक्षाय नमः।
    • सुरारिघ्न: ॐ सुरारिघ्नाय नमः।
    • महागणपति: ॐ महागणपतये नमः।
    • मान्या: ॐ मान्याय नमः।
    • महाकाल: ॐ महाकालाय नमः।
    • महाबला: ॐ महाबलाय नमः।
    • हेरम्ब: ॐ हेरम्बाय नमः।
    • लम्बजठर: ॐ लम्बजठरायै नमः।
    • ह्रस्वग्रीव: ॐ ह्रस्व ग्रीवाय नमः।
    • महोदरा: ॐ महोदराय नमः।
    • मदोत्कट: ॐ मदोत्कटाय नमः।
    • महावीर: ॐ महावीराय नमः।
    • मन्त्रिणे: ॐ मन्त्रिणे नमः।
    • मङ्गल स्वरा: ॐ मङ्गल स्वराय नमः।
    • प्रमधा: ॐ प्रमधाय नमः।
    • प्रथम: ॐ प्रथमाय नमः।
    • प्रज्ञा: ॐ प्राज्ञाय नमः।
    • विघ्नकर्ता: ॐ विघ्नकर्त्रे नमः।
    • विघ्नहर्ता: ॐ विघ्नहर्त्रे नमः।
    • विश्वनेत्र: ॐ विश्वनेत्रे नमः।
    • विराट्पति: ॐ विराट्पतये नमः।
    • श्रीपति: ॐ श्रीपतये नमः।
    • वाक्पति: ॐ वाक्पतये नमः।
    • शृङ्गारिण: ॐ शृङ्गारिणे नमः।
    • अश्रितवत्सल: ॐ अश्रितवत्सलाय नमः।
    • शिवप्रिय: ॐ शिवप्रियाय नमः।
    • शीघ्रकारिण: ॐ शीघ्रकारिणे नमः।
    • शाश्वत: ॐ शाश्वताय नमः।
    • बल: ॐ बल नमः।
    • बलोत्थिताय: ॐ बलोत्थिताय नमः।
    • भवात्मजाय: ॐ भवात्मजाय नमः।
    • पुराण पुरुष: ॐ पुराण पुरुषाय नमः।
    • पूष्णे: ॐ पूष्णे नमः।
    • पुष्करोत्षिप्त वारिणे: ॐ पुष्करोत्षिप्त वारिणे नमः।
    • अग्रगण्याय: ॐ अग्रगण्याय नमः।
    • अग्रपूज्याय: ॐ अग्रपूज्याय नमः।
    • अग्रगामिने: ॐ अग्रगामिने नमः।
    • मन्त्रकृते: ॐ मन्त्रकृते नमः।
    • चामीकरप्रभाय: ॐ चामीकरप्रभाय नमः।
    • सर्वाय: ॐ सर्वाय नमः।
    • सर्वोपास्याय: ॐ सर्वोपास्याय नमः।
    • सर्व कर्त्रे: ॐ सर्व कर्त्रे नमः।
    • सर्वनेत्रे: ॐ सर्वनेत्रे नमः।
    • सर्वसिद्धिप्रदाय: ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः।
    • सिद्धये: ॐ सिद्धये नमः।
    • पञ्चहस्ताय: ॐ पञ्चहस्ताय नमः।
    • पार्वतीनन्दनाय: ॐ पार्वतीनन्दनाय नमः।
    • प्रभवे: ॐ प्रभवे नमः।
    • कुमारगुरवे: ॐ कुमारगुरवे नमः।
    • अक्षोभ्याय: ॐ अक्षोभ्याय नमः।
    • कुञ्जरासुर भञ्जनाय: ॐ कुञ्जरासुर भञ्जनाय नमः।
    • प्रमोदाय: ॐ प्रमोदाय नमः।
    • मोदकप्रियाय: ॐ मोदकप्रियाय नमः।
    • कान्तिमते: ॐ कान्तिमते नमः।
    • धृतिमते: ॐ धृतिमते नमः।
    • कामिने: ॐ कामिने नमः।
    • कपित्थपनसप्रियाय: ॐ कपित्थपनसप्रियाय नमः।
    • ब्रह्मचारिणे: ॐ ब्रह्मचारिणे नमः।
    • ब्रह्मरूपिणे: ॐ ब्रह्मरूपिणे नमः।
    • ब्रह्मविद्यादि दानभुवे: ॐ ब्रह्मविद्यादि दानभुवे नमः।
    • जिष्णवे: ॐ जिष्णवे नमः।
    • विष्णुप्रियाय: ॐ विष्णुप्रियाय नमः।
    • भक्त जीविताय: ॐ भक्त जीविताय नमः।
    • जितमन्मधाय: ॐ जितमन्मधाय नमः।
    • ऐश्वर्यकारणाय: ॐ ऐश्वर्यकारणाय नमः।
    • ज्यायसे: ॐ ज्यायसे नमः।
    • यक्षकिन्नेर सेविताय: ॐ यक्षकिन्नेर सेविताय नमः।
    • गङ्गा सुताय: ॐ गङ्गा सुताय नमः।
    • गणाधीशाय: ॐ गणाधीशाय नमः।
    • गम्भीर निनदाय: ॐ गम्भीर निनदाय नमः।
    • वटवे: ॐ वटवे नमः।
    • अभीष्टवरदाय: ॐ अभीष्टवरदाय नमः।
    • ज्योतिषे: ॐ ज्योतिषे नमः।
    • भक्तनिधये: ॐ भक्तनिधये नमः।
    • भावगम्याय: ॐ भावगम्याय नमः।
    • मङ्गलप्रदाय: ॐ मङ्गलप्रदाय नमः।
    • अव्यक्ताय: ॐ अव्यक्ताय नमः।
    • अप्राकृत पराक्रमाय: ॐ अप्राकृत पराक्रमाय नमः।
    • सत्यधर्मिणे: ॐ सत्यधर्मिणे नमः।
    • सखये: ॐ सखये नमः।
    • सरसाम्बुनिधये: ॐ सरसाम्बुनिधये नमः।
    • महेशाय: ॐ महेशाय नमः।
    • दिव्याङ्गाय: ॐ दिव्याङ्गाय नमः।
    • मणिकिङ्किणी मेखालाय: ॐ मणिकिङ्किणी मेखालाय नमः।
    • समस्त देवता मूर्तये: ॐ समस्त देवता मूर्तये नमः।
    • सहिष्णवे: ॐ सहिष्णवे नमः।
    • सततोत्थिताय: ॐ सततोत्थिताय नमः।
    • विघातकारिणे: ॐ विघातकारिणे नमः।
    • विश्वग्दृशे: ॐ विश्वग्दृशे नमः।
    • विश्वरक्षाकृते: ॐ विश्वरक्षाकृते नमः।
    • कल्याणगुरवे: ॐ कल्याणगुरवे नमः।
    • उन्मत्तवेषाय: ॐ उन्मत्तवेषाय नमः।
    • अपराजिते: ॐ अपराजिते नमः।
    • समस्त जगदाधाराय: ॐ समस्त जगदाधाराय नमः।
    • सर्वैश्वर्यप्रदाय: ॐ सर्वैश्वर्यप्रदाय नमः।
    • आक्रान्त चिद चित्प्रभवे: ॐ आक्रान्त चिद चित्प्रभवे नमः।
    • श्री विघ्नेश्वराय: ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।