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    Bhai Dooj 2025: भाई दूज में क्यों किया जाता है यमुना स्नान? जानिए महत्व

    Updated: Mon, 20 Oct 2025 10:00 AM (IST)

    भाई दूज (Bhai Dooj 2025) दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का समापन का प्रतीक है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है, और इस दिन यमुना स्नान का विशेष महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया था कि जो भाई इस दिन यमुना में स्नान कर अपनी बहन से तिलक लगवाएगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं होगा और मोक्ष की प्राप्ति होगी। इस साल यह पर्व 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

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    Bhai Dooj 2025: भाई दूज का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का समापन भाई दूज के साथ होता है। यह पर्व भाई और बहन के पवित्र और अटूट प्रेम का प्रतीक है। इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, और इसी नाम के पीछे छिपा है इस दिन यमुना नदी में स्नान करने का महत्व। इस साल भाई दूज (Bhai Dooj 2025) का पर्व 23 अक्टूबर, दिन गुरुवार को मनाया जाएगा, तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं -

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    • तिलक शुभ मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से 03 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।

    यमुना स्नान का महत्व ( Yamuna Snan Significance)

    भाई दूज के दिन यमुना स्नान करने की परंपरा का संबंध सीधे मृत्यु के देवता यमराज और उनकी बहन यमुना देवी से है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवी यमुना ने अपने भाई यमराज अपने घर आने के लिए आग्रह किया। यम देव कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को अपनी बहन यमुना के घर गए। यमुना उन्हें देखकर बहुत खुश हुईं। उन्होंने अपने भाई का आदर-सत्कार किया, उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराया और उनके माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और कल्याण की कामना की। बहन के प्रेम और सत्कार से प्रसन्न होकर यमराज ने यमुना से वरदान मांगने को कहा।

    तब यमुना ने वरदान मांगा कि "जो भाई आज के दिन यमुना नदी में स्नान करे और अपनी बहन से तिलक लगवाए, उसे अकाल मृत्यु का भय न हो।" साथ ही उसे यमलोक की यातना न सहनी पड़ेगी। यमराज ने यह वरदान तुरंत स्वीकार किया और बोलें की कि इस दिन भाई-बहन जो भी यमुना में स्नान करेंगे, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी।

    यमुना स्नान के लाभ (Yamuna Snan Benefits)

    • भाई दूज के दिन यमुना नदी में करने वाले भाई को यमराज के भय से मुक्ति मिलती है और उसकी आयु लंबी होती है।
    • यमुना स्नान भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है और उन्हें मोक्ष की ओर ले जाता है।
    • इस दिन यमुना स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

    भाई दूज पूजा मंत्र

    1. गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को,
    सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।

    यह भी पढ़ें: Bhai Dooj 2025 Date: भाई दूज कब है? जानें तिलक विधि और महत्व

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।