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    Bhai Dooj 2025 Shubh Muhurat: भाई दूज पर क्या रहेगा तिलक करने का मुहूर्त, यहां जानें

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 10:48 AM (IST)

    भाई दूज का पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है।माना जाता है कि भाई दूज के दिन शुभ मुहूर्त में भाई का तिलक करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। चलिए पढ़ते हैं भाई दूज पर तिलक करने का मुहूर्त।

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    Bhai Dooj 2025 muhurat (Picture Credit: Freepik) 

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। साथ ही भाई को सूखा नारियल देती हैं, बदले में भाई उन्हें उपहार देते हैं। इस वर्ष भाई दूज का पर्व 23 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन यमराज और यमुना की पूजा का भी विधान है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि भाई दूज के दिन तिलक (Bhai Dooj 2025 Shubh Muhurat) करने का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है।

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    भाई दूज का शुभ मुहूर्त

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का आरंभ 22 अक्टूबर को रात 8 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है। वहीं द्वितीया तिथि का समापन 23 अक्टूबर को रात 10 बजकर 46 मिनट पर होने जा रहा है। ऐस में भाई दूज 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन पर तिलक करने का शुभ मुहूर्त (Bhai (Dooj 2025 Shubh Muhurat) कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

    तिलक करने का शुभ मुहूर्त - दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक

    यमराज और यमुना से जुड़ी है कथा

    पौराणिक कथा एक बार यमुना ने अपने भाई यमराज को अपने घर पर भोजन के लिए आमंत्रित किया। यमराज जी ने इस निमंत्रण को स्वीकार किया और कार्तिक शुक्ल द्वितीया पर अपनी बहन के घर गए। तब यमुना जी ने उनका बहुत अच्छे से आदर-सत्कार किया, जिससे वह काफी प्रसन्न हुए। यमराज जी को विदा करते समय यमुना ने उन्हें एक नारियल का गोला दिया। जब यमराज ने इसका कारण पूछा, तो यमुना जी ने कहा कि यह नारियल आपको हमेशा मेरी याद दिलाता रहेगा।

    इसी वजह से भाई दूज पर भाई को नारियल का गोला देने की परम्परा है। इसी के साथ यमराज ने भी यमुना जी को यह वचन दिया कि, भाई दूज के दिन जो भी बहन अपने भाई को टीका लगाकर, नारियल का गोल देगी, उसे और उसके भाई को कभी अकाल मृत्यु का भय नहीं सताएगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।