Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bhai Dooj 2023: भाई दूज पर इस विधि से करें चित्रगुप्त पूजा, शिक्षा के क्षेत्र में मिलेगी तरक्की

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Fri, 10 Nov 2023 05:03 PM (IST)

    Chitragupta Puja 2023 कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन पर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और उज्ज्वल भविष्य के लिए यमराज की पूजा करती हैं। साथ ही इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने का भी विधान है। आइए जानते हैं चित्रगुप्त पूजा की विधि और महत्व।

    Hero Image
    Chitragupta Puja भाई दूज पर इस विधि से करें चित्रगुप्त पूजा।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Bhai Dooj 2023 Date: पांच दिवसीय दिवाली के पर्व में आखिरी यानी पांचवें भाई दूज का दिन मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 14 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। यह पर्व मुख्यतः भाई-बहन के प्रेम का पर्व है। इस दिन बहने अपने भाई की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। साथ ही इस विशेष दिन पर चित्रगुप्त जी की पूजा भी की जाती है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कौन हैं भगवान चित्रगुप्त

    भगवान चित्रगुप्त का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चित्रगुप्त जी का जन्म ब्रह्मा जी के मन से हुआ था। उन्हें देवताओं का लेखपाल भी कहा जाता है। साथ ही वह यमराज के सहायक भी माने गए हैं। मान्यताओं के अनुसार भगवान चित्रगुप्त के पास हर मनुष्य की अच्छे बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रहता है।

    भगवान चित्रगुप्त पूजा का महत्व (Chitragupta Puja Importance)

    मुख्यतः भाई दूज पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। इस दिन उन्हें पूजा के दौरान कलम और कागज भी अर्पित किए जाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को शिक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे व्यक्ति के शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति के योग बनते हैं। आप पूजा में अर्पित की गई कलम का इस्तेमाल रोजाना में कर सकते हैं। ऐसा करने से साधक पर चित्रगुप्त जी की कृपा बनी रहती है।

    भगवान चित्रगुप्त पूजा विधि (Chitragupta Puja vidhi)

    भाई दूज के दिन सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि से निवृत हो जाए। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। पूजा के स्थान पर एक चौकी बिछाकर उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद इस चौकी पर भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर स्थापित करें।

    अब तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं और भगवान चित्रगुप्त को मिठाई और फूल अर्पित करें। साथ ही भगवान चित्रगुप्त को पूजा के दौरान कलम भी अर्पित करें। इसके बाद एक कागज पर हल्दी लगाकर श्री गणेशाय नमः लिखें। अंत में चित्रगुप्त जी की आरती करें और सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करें। 

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'