Bhadra Vishti Karana: अप्रैल में कब-कब रहेगा भद्रा का साया? अभी नोट करें डेट और टाइम
सनातन धर्म में भद्रा विष्टि कारण की अवधि का विशेष महत्व है। इस दौरान शुभ और मांगलिक काम नहीं करने चाहिए। माना जाता है कि भद्रा विष्टि कारण के दौरान वर्जित कामों को करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। जल्द ही अप्रैल के महीने की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में आइए जानते हैं इस माह में कब-कब रहेगा भद्रा (Bhadra Vishti Karana) का साया?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में भद्रा विष्टि कारण को शुभ नहीं माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा सूर्य की पुत्री और शनि की बहन है। भद्रा का स्वभाव उग्र माना जाता है। इसी वजह से भद्रा विष्टि कारण के दौरान शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इन कामों को करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है और कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं अप्रैल (Bhadra Vishti Karana 2025 April) महीने में भद्रा विष्टि करण की तिथियां और समय के बारे में।
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अप्रैल महीने के भद्रा विष्टि करण की तिथियां और समय (Bhadra Vishti Karana 2025 April Date)
- 01 अप्रैल को भद्रा विष्टि करण का योग दोपहर को 04 बजकर 12 मिनट से लेकर 02 अप्रैल को मध्य रात दोपहर 02 बजकर 40 मिनट तक है।
- 04 अप्रैल को भद्रा विष्टि करण का योग रात 08 बजकर 13 मिनट से 05 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 45 मिनट तक है।
- 08 अप्रैल को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 08 बजकर 36 मिनट से 08 अप्रैल को रात्रि 09 बजकर 21 मिनट तक है।
- 12 अप्रैल को भद्रा विष्टि करण का योग मध्य रात 03 बजकर 26 मिनट से 12 अप्रैल को दोपहर 04 बजकर 40 मिनट तक है।
- 16 अप्रैल को भद्रा विष्टि करण का योग रात 12 बजकर 11 मिनट से 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 16 मिनट तक है।
- 19 अप्रैल को भद्रा विष्टि करण का योग शाम 06 बजकर 25 मिनट से 20 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 52 मिनट तक है।
- 23 अप्रैल को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 05 बजकर 30 मिनट से 23 अप्रैल को शाम 04 बजकर 47 मिनट तक है।
- 26 अप्रैल को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 08 बजकर 32 मिनट से 26 अप्रैल को शाम 06 बजकर 41 मिनट तक है।
भद्रा में क्या न करें?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भद्रा विष्टि करण के दौरान गृह प्रवेश, शुभ और मांगलिक काम, मुंडन, विवाह और व्यापार की शुरुआत आदि काम करने से बचना चाहिए।
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