Bhadra Vishti Karana: दिसंबर में कब-कब रहेगा भद्रा का साया? भूलकर भी न करें ये काम
सनातन धर्म में भद्रा विष्टि कारण की अवधि के दौरान शुभ और मांगलिक काम करने की मनाही है। जैसे कि सगाई विवाह गृह प्रवेश और समेत आदि। धार्मिक मान्यता है कि इन कार्यों को करने से काम सफलता प्राप्त नहीं होती है। आइए दिसंबर (Bhadra Vishti Karana 2024 December) महीने में भद्रा विष्टि करण की तिथियां और समय जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र को महत्वपूर्ण माना गया है। इस शास्त्र में भद्रा विष्टि करण के बारे विस्तार से उल्लेख देखने को मिलता है। इसमें भद्रा विष्टि करण के उपाय समेत आदि बातों के बारे में बताया गया है। सनातन धर्म में ऐसे कई काम हैं, तो भद्रा विष्टि करण के समय भूलकर भी नहीं करने चाहिए। मान्यता है कि वर्जित काम को करने से जातक को जीवन में कई तरह की परेशनियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही काम का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं दिसंबर में कब-कब रहेगा भद्रा विष्टि करण (Bhadra Vishti Karana) का साया?
दिसंबर महीने के भद्रा विष्टि करण की तिथियां और समय (Bhadra Vishti Karana 2024 December Date)
- 05 दिसंबर को भद्रा विष्टि करण का योग मध्य रात्रि के 01 बजकर 04 मिनट से लेकर 05 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक है।
- 08 दिसंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 09 बजकर 45 मिनट से 08 दिसंबर को रात्रि 08 बजकर 58 मिनट तक है।
- 11 दिसंबर को भद्रा विष्टि करण का योग दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से 12 दिसंबर को मध्य रात्रि 01 बजकर 13 मिनट तक है।
- 14 दिसंबर को भद्रा विष्टि करण का योग शाम 05 बजकर 01 मिनट से 15 दिसंबर को मध्य रात्रि 03 बजकर 45 मिनट तक है।
- 17 दिसंबर को भद्रा विष्टि करण का योग रात्रि 10 बजकर 30 मिनट से 18 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 08 मिनट तक है।
- 21 दिसंबर को भद्रा विष्टि करण का योग दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से 22 दिसंबर को मध्य रात्रि 01 बजकर 26 मिनट तक है।
- 25 दिसंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 09 बजकर 15 मिनट से 25 दिसंबर को रात्रि 10 बजकर 29 मिनट तक है।
- 29 दिसंबर को भद्रा विष्टि करण का योग मध्य रात्रि 03 बजकर 35 मिनट से 29 दिसंबर को दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक है।
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भूलकर न करें भद्रा में यात्रा
भद्रा विष्टि करण के दौरान यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर किसी जरुरी काम से यात्रा करनी है, तो घर से निकलने से पहले ध्यान रखें कि जिस दिशा में भद्रा का वास हो, उस दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। इससे काम में सफलता प्राप्त नहीं होती है। इसके अलावा शुभ और मांगलिक काम नहीं करना चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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