Benefits of Ear Piercing: जानिए कान छिदवाने का धार्मिक महत्व, महिला और पुरुष दोनों के लिए है फायदेमंद
कान छिदवाना भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा हैं। इसमें पुरुषों के कान छिदवाने का भी विधान है। इसके धार्मिक महत्व के साथ कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। चलिए जानते हैं कि कान छिदवाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व क्या है।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Benefits of Ear Piercing: कान और नाक छिदवाना आज विश्व भर में एक फैशन बन चुका है। न केवल महिलाएं बल्कि पुरुषों के बीच भी यह काफी लोकप्रिय है। हालांकि भारतीय संस्कृति में कान और नाक छिदवाना प्राचीन काल से चला आ रहा है।
16 संस्कारों में शामिल
हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में से एक कर्णवेध भी है। पहले के समय में शुभ मुहूर्त में बच्चों के कान में मंत्र बोलकर कर्णवेध संस्कार किया जाता था। मंत्र बोलने के बाद लड़कों का पहले दायां कान में और फिर बायां कान छेदा जाता था। वहीं लड़कियों के पहले बाएं कान में और फिर दाएं कान में छेद कर सोने के आभूषण पहनाए जाते थे।
संतान रहेगी निरोगी
ज्योतिष के अनुसार कान छिदवाने से राहु और केतु संबंधी प्रभाव समाप्त हो जाता है। धर्म के अनुसार इससे संतान स्वस्थ और निरोगी रहती है।
आयुर्वेद में भी बताए गए हैं फायदे
आयुर्वेद में भी कहा गया है कि कान छिदवाने से कई तरह की बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, कान के निचले हिस्से में एक प्वाइंट होता है, जब इस प्वाइंट पर छेद किये जाते हैं तो यह दिमाग के हिस्से को एक्टिव बनाते हैं।
स्त्री, पुरुष दोनों के लिए फायदेमंद
कान में जिस जगह छेद किया जाता है उसका सीधा संबंध महिलाओं के प्रजनन अंगों से होता है। इससे उन्हें लाभ मिलता है। कान छिदवाने से महिलाओं के मासिक धर्म में अनियमितता की समस्या में आराम मिलता है। वहीं पुरुषों में इसका संबंध अंडकोष से होता है। साथ ही इससे वीर्य के संरक्षण में भी लाभ मिलता है।
By- Suman Saini
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।