Basant Panchami Ke Upay: वसंत पंचमी को किए गए ये 3 उपाय, बदल देंगे आपकी किस्मत
हिंदू धर्म में वसंत पंचमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन लोग देवी सरस्वती की आराधना करते हैं। यह त्योहार आमतौर पर फरवरी में वसंत ऋतु में मनाया जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में इस दिन (Basant Panchami 2025) को लेकर कुछ चमत्कारी उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है तो चलिए जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वसंत पंचमी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में बड़ी धूमधाम और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इसे बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित है। यह पर्व वसंत ऋतु की शुरुआत का भी प्रतीक है। वसंत पंचमी का पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत - पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यह पर्व (Basant Panchami 2025) 2 फरवरी को मनाया जाएगा, तो आइए इस दिन से जुड़े कुछ चमत्कारी उपाय जानते हैं।
वसंत पंचमी के उपाय (Basant Panchami Ke Upay)
तरक्की प्राप्ति हेतु
वसंत पंचमी के दिन सुबह उठकर स्नान करें। फिर देवी सरस्वती के सामने घी का दीपक जलाएं। फिर इस मंत्र का ''ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम्कारी, वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा।।'' 108, 51 या फिर 21 बार जाप करें। इस उपाय को करने से कार्यक्षेत्र में आपको तरक्की प्राप्त होगी। साथ ही मनचाही सफलता मिलेगी।
यह भी पढ़ें: Tarot Card Reading: गुरुवार को करें ये असरदार उपाय, खुश होंगे भगवान विष्णु
वैवाहिक जीवन में मिठास के लिए
जिन लोगों के वैवाहिक जीवन में मुश्किलें आ रही हैं, उन लोगों को वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को नारियल, चुनरी और कलावा अर्पित करना चाहिए। इस उपाय को करने से पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ेगा और रिश्ते में मधुरता आएगी।
मां सरस्वती की कृपा के लिए
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा करें। उन्हें हल्दी का तिलक लगाएं और पीले रंग के फल, फूल, पीले वस्त्र और मिठाई चढ़ाएं। देवी के वैदिक मंत्रों का जाप भी करें। ऐसा करने से मां सरस्वती प्रसन्न होंगी। साथ ही उनकी सदैव के लिए कृपा मिलेगी।
मां सरस्वती के वैदिक मंत्र
- ॐ सरस्वती नमो नमः।।
- या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
- ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।।
यह भी पढ़ें: Gupt Navratri पर इन कार्यों से बनाएं दूरी, वरना बढ़ सकती हैं जीवन की मुश्किलें
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।