Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Basant Panchami 2025: कब और क्यों मनाई जाती है वसंत पंचमी, बहुत ही खास है वजह

    Updated: Fri, 17 Jan 2025 12:07 PM (IST)

    सनातन धर्म में वसंत पंचमी का पर्व बहुत ही खास माना जाता है जो मां सरस्वती से जुड़ा हुआ है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार सरस्वती जी को ज्ञान और कला की देवी माना जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दिन पर मां सरस्वती की सच्चे मन से साधक को पूजा-अर्चना करने से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

    Hero Image
    Basant Panchami 2025 इसलिए मनाया जाता है वसंत पंचमी का पर्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में वसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) का दिन मां सरस्वती के लिए समर्पित माना गया है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप इस दिन पर माता सरस्वती की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करते हैं, तो इससे आपको शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलता मिल सकती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि बसंत पंचमी का पर्व कब और क्यों मनाया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कब मनाई जाती है वसंत पंचमी (Basant Panchami Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में साल 2025 में माह शुक्ल पंचमी तिथि का शुभारंभ, 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 03 फरवरी को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर होगा। उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए, वसंत पंचमी का पर्व रविवार, 02 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दौरान शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -

    बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त - सुबह 07 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर

    बसंत पंचमी मध्याह्न का क्षण - दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर

    (Picture Credit: Freepik)

    क्यों मनाई जाती है वसंत पंचमी

    असल में बसंत पंचमी का त्योहार मां सरस्वती के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कि इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थी। पौराणिक कथा के अनुसार, जब ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना कर रहे थे, तो उन्होंने सबसे पहले जीवों और मनुष्यों की रचना की।

    लेकिन, वातावरण इतना शांत था कि सब कुछ सुनसान लग रहा था। तब ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु की अनुमति से अपने कमंडल से पृथ्वी पर थोड़ा-सा जल छिड़का। इससे हाथ में वीणा धारण किए हुए देवी सरस्वती प्रकट हुईं। इसलिए इस तिथि पर बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाने लगा।

    यह भी पढ़ें - Basant Panchami 2025: अगले साल कब है बसंत पंचमी, एक क्लिक में जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    और भी हैं वजह

    बसंत पंचमी का पर्व 06 ऋतुओं में से वसंत ऋतु के आगमन के रूप में भी मनाया जाता है। बसंत ऋतु को ऋतुराज यानी सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है, क्योंकि इस ऋतु में न तो ज्यादा ठंड होती है और न ही ज्यादा गर्मी और मौसम सुहावना बना रहता है।

    यह भी पढ़ें - Mauni Amavasya 2025 Date: कब है मौनी अमावस्या? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।