Basant Panchami 2025: कब और क्यों मनाई जाती है वसंत पंचमी, बहुत ही खास है वजह
सनातन धर्म में वसंत पंचमी का पर्व बहुत ही खास माना जाता है जो मां सरस्वती से जुड़ा हुआ है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार सरस्वती जी को ज्ञान और कला की देवी माना जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दिन पर मां सरस्वती की सच्चे मन से साधक को पूजा-अर्चना करने से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में वसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) का दिन मां सरस्वती के लिए समर्पित माना गया है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप इस दिन पर माता सरस्वती की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करते हैं, तो इससे आपको शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलता मिल सकती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि बसंत पंचमी का पर्व कब और क्यों मनाया जाता है।
कब मनाई जाती है वसंत पंचमी (Basant Panchami Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में साल 2025 में माह शुक्ल पंचमी तिथि का शुभारंभ, 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 03 फरवरी को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर होगा। उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए, वसंत पंचमी का पर्व रविवार, 02 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दौरान शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त - सुबह 07 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर
बसंत पंचमी मध्याह्न का क्षण - दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर
(Picture Credit: Freepik)
क्यों मनाई जाती है वसंत पंचमी
असल में बसंत पंचमी का त्योहार मां सरस्वती के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कि इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थी। पौराणिक कथा के अनुसार, जब ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना कर रहे थे, तो उन्होंने सबसे पहले जीवों और मनुष्यों की रचना की।
लेकिन, वातावरण इतना शांत था कि सब कुछ सुनसान लग रहा था। तब ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु की अनुमति से अपने कमंडल से पृथ्वी पर थोड़ा-सा जल छिड़का। इससे हाथ में वीणा धारण किए हुए देवी सरस्वती प्रकट हुईं। इसलिए इस तिथि पर बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाने लगा।
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और भी हैं वजह
बसंत पंचमी का पर्व 06 ऋतुओं में से वसंत ऋतु के आगमन के रूप में भी मनाया जाता है। बसंत ऋतु को ऋतुराज यानी सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है, क्योंकि इस ऋतु में न तो ज्यादा ठंड होती है और न ही ज्यादा गर्मी और मौसम सुहावना बना रहता है।
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