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    Basant Panchami 2025: वसंत पंचमी पर करें इन मंत्रों का जप, खुल जाएंगे तरक्की के रास्ते

    हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व का ज्ञान की देवी मां सरस्वती से खास संबंध माना गया है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन पर पूरे परिवार के साथ माता सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से साधक को शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलता मिल सकती है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 25 Jan 2025 02:02 PM (IST)
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    Basant Panchami 2025 सरस्वती जी के मंत्र। (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में वसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) को मां सरस्वती के अवतरण दिवस के साथ-साथ वसंत ऋतु के आगमन के रूप में भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म में सरस्वती जी को ज्ञान और कला की देवी माना जाता है। ऐसे में अगर आप इस दिन पर ज्ञान की देवी को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रों का जप करते हैं, तो इससे आपको ज्ञान और कला के क्षेत्र में तरक्की हासिल कर सकते हैं।

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    वसंत पंचमी शुभ मुहूर्त (Basant Panchami Muhurat)

    साल 2025 में माह शुक्ल पंचमी तिथि की शुरुआत, 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 03 फरवरी को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए वसंत पंचमी का पर्व रविवार, 02 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -

    बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त - सुबह 07 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर

    बसंत पंचमी मध्याह्न का क्षण - दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर

    करें इन मंत्रों का जप

    बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आप देवी सरस्वती की कृपा प्राप्ति के लिए इन मंत्रों का जप कर सकते हैं। मां शारद के ये मंत्र बेहद प्रभावशाली माने गए हैं। इनके जप से करियर में आ रही बाधा भी दूर हो जाती है। अधिक लाभ प्राप्ति के लिए आप रोजाना भी मां सरस्वती के इन मंत्रों का जप कर सकते हैं।

    सरस्वती जी के मंत्र -

    1. शारदा शारदांभौजवदना, वदनाम्बुजे।

    सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रियात्।

    2. विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु।

    त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्ति:।।

    3. शारदायै नमस्तुभ्यं, मम ह्रदय प्रवेशिनी,

    परीक्षायां समुत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।।

    (Picture Credit: Freepik)

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    4. सरस्वती देवी का मूल मंत्र -

    ओम ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।

    5. मां सरस्वती का संपूर्ण मंत्र -

    ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।

    6. सरस्वती गायत्री मंत्र -

    ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्‌।

    किन कार्यों से मिलेगा लाभ

    वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की कृपा प्राप्ति के लिए पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए, क्योंकि यह रंग सरस्वती जी को अति प्रिय माना गया है। इसी के साथ वसंत पंचमी की पूजा में सरस्वती जी के साथ-साथ ज्ञान और कला से जुड़ी चीजें जैसे किताबें, कलम और वाद्य यंत्र की भी पूजा करनी चाहिए। इससे कला और ज्ञान की देवी का आशीर्वाद सदा आपके ऊपर बना रहता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।