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    Bajrang Baan Niyam: मंगलवार के दिन जरूर करें बजरंग बाण का पाठ, यहां जानिए इसके नियम

    आज मंगलवार का दिन है। इस दिन साधक भगवान हनुमान की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से सभी संकटों का अंत होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग मंगलवार का उपवास रखते हैं और विधिवत पूजा करते हैं उन्हें उनका पूर्ण आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा इस दिन बजरंग बाण (Bajrang Baan Niyam) का पाठ भी बहुत लाभकारी माना जाता है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Tue, 04 Mar 2025 06:30 AM (IST)
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    Bajrang Baan Niyam: बजरंग बाण पाठ के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। यह दिन भगवान हनुमान को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक वीर हनुमान की उपासना भाव के साथ करते हैं, उन्हें धन और वैभव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए सलाह दी जाती है कि जो लोग लगातार कई तरह की मुश्किलों में फंसे हुए उन्हें मंगलवार का व्रत रखना चाहिए।

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    इसके साथ ही वीर हनुमान को लाल रंग का चोला अर्पित करना चाहिए। फिर बजरंग बाण (Bajrang Baan Niyam) का पाठ श्रद्धा के साथ करना चाहिए। अंत में आरती करनी चाहिए। ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।

    ।।बजरंग बाण पाठ के नियम।।

    • सुबह स्नान करें।
    • फिर हनुमान जी के सामने घी का दीपक जलाएं।
    • उन्हें सिंदूर, लड्डू, लाल फूल और तुलसी दल अर्पित करें।
    • एक लय में पाठ करें।
    • पाठ के दौरान पवित्रता का खास ख्याल रखें।
    • पाठ के दौरान बोलने से बचें।
    • अंत में आरती करें।
    • तामसिक चीजों से दूर रहें।

    ॥बजरंग बाण॥

    ॥ दोहा ॥

    निश्चय प्रेम प्रतीति ते,बिनय करै सनमान।

    तेहि के कारज सकल शुभ,सिद्ध करै हनुमान॥

    ॥ चौपाई ॥

    जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥

    जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥

    जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥

    आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका॥

    जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परम पद लीन्हा॥

    बाग उजारि सिन्धु महं बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा॥

    अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥

    लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुर पुर महं भई॥

    अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहुं उर अन्तर्यामी॥

    जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होइ दु:ख करहुं निपाता॥

    जय गिरिधर जय जय सुख सागर। सुर समूह समरथ भटनागर॥

    ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले। बैरिहिं मारू बज्र की कीले॥

    गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो॥

    ॐकार हुंकार महाप्रभु धावो। बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो॥

    ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमन्त कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा॥

    सत्य होउ हरि शपथ पायके। रामदूत धरु मारु धाय के॥

    जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दु:ख पावत जन केहि अपराधा॥

    पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥

    वन उपवन मग गिरि गृह माहीं। तुमरे बल हम डरपत नाहीं॥

    पाय परौं कर जोरि मनावों। यह अवसर अब केहि गोहरावों॥

    जय अंजनि कुमार बलवन्ता। शंकर सुवन धीर हनुमन्ता॥

    बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥

    भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बैताल काल मारीमर॥

    इन्हें मारु तोहि शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥

    जनकसुता हरि दास कहावो। ताकी शपथ विलम्ब न लावो॥

    जय जय जय धुनि होत अकाशा। सुमिरत होत दुसह दु:ख नाशा॥

    चरण शरण करि जोरि मनावों। यहि अवसर अब केहि गोहरावों॥

    उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई।पांय परौं कर जोरि मनाई॥

    ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता।ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता॥

    ॐ हं हं हांक देत कपि चञ्चल। ॐ सं सं सहम पराने खल दल॥

    अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होय आनन्द हमारो॥

    यहि बजरंग बाण जेहि मारो। ताहि कहो फिर कौन उबारो॥

    पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की॥

    यह बजरंग बाण जो जापै। तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे॥

    धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तन नहिं रहे कलेशा॥

    ॥ दोहा ॥

    प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै,सदा धरै उर ध्यान।

    तेहि के कारज सकल शुभ,सिद्ध करै हनुमान॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।