Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bada Mangal 4th 2025: चौथे बड़े मंगल पर करें हनुमान चालीसा का पाठ, घर में होगा सुख-शांति का वास

    Updated: Fri, 30 May 2025 01:34 PM (IST)

    इस साल ज्येष्ठ महीने का चौथा बड़ा मंगल (Bada Mangal 4th 2025) 3 जून को पड़ रहा है। यह हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन राम भक्त हनुमान की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही जीवन के संकटों का नाश होता है। वहीं इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ भी बहुत फलदायी माना जाता है।

    Hero Image
    Bada Mangal 4th 2025: हनुमान चालीसा का पाठ।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। बड़े मंगल का दिन बहुत फलदायी माना जाता है। यह हनुमान जी को समर्पित है। इस साल ज्येष्ठ महीने का चौथा बड़ा मंगल 3 जून को पड़ रहा है। यह पर्व हर साल भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन (Bada Mangal 4th 2025) राम भक्त हनुमान की उपासना करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ऐसे में इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। फिर लाल रंग के वस्त्र धारण करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके बाद हनुमान जी की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं। उन्हें लाल रंग का चोला, तुलसी दल की माला, लड्डू अर्पित करें। फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती करें। ऐसा करने से घर में सुख-शांति का वास होता है।

    ।।हनुमान चालीसा।।

    ।। दोहा।।

    श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।

    बरनउं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ।।

    बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।

    बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ।।

    ।। चौपाई ।।

    जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुं लोक उजागर ।।

    राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ।।

    महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ।।

    कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुंचित केसा ।।

    हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै । कांधे मूंज जनेउ साजै ।।

    शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन । तेज प्रताप महा जगवंदन ।।

    बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ।।

    प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ।।

    सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ।।

    भीम रूप धरि असुर संहारे । रामचन्द्र के काज संवारे ।।

    लाय सजीवन लखन जियाए । श्री रघुबीर हरषि उर लाये ।।

    रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।।

    सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ।।

    सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ।।

    जम कुबेर दिगपाल जहां ते । कबि कोबिद कहि सके कहां ते ।।

    तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना । राम मिलाय राज पद दीह्ना ।।

    तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना । लंकेश्वर भए सब जग जाना ।।

    जुग सहस्त्र जोजन पर भानु । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।।

    प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ।।

    दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।।

    राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।।

    सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रक्षक काहू को डरना ।।

    आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हांक तै कांपै ।।

    भूत पिशाच निकट नहिं आवै । महावीर जब नाम सुनावै ।।

    नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।

    संकट तै हनुमान छुडावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ।।

    सब पर राम तपस्वी राजा । तिनके काज सकल तुम साजा ।।

    और मनोरथ जो कोई लावै । सोई अमित जीवन फल पावै ।।

    चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ।।

    साधु सन्त के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ।।

    अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ।।

    राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ।।

    तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ।।

    अंतकाल रघुवरपुर जाई । जहां जन्म हरिभक्त कहाई ।।

    और देवता चित्त ना धरई । हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ।।

    संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।।

    जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ।।

    जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ।।

    जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ।।

    तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय मह डेरा ।।

    ।। दोहा ।।

    पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।

    राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ।।

    यह भी पढ़ें: Bada Mangal 4th 2025: चौथे बड़े मंगल पर दीपक से करें ये अचूक उपाय, घर में होगा सुख-शांति का वास

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।