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    Bada Mangal 2025: बड़े मंगल पर ऐसे करें हनुमान जी की पूजा, इन चीजों का जरूर लगाएं भोग

    Updated: Tue, 13 May 2025 08:52 AM (IST)

    धार्मिक मान्यता के अनुसार बड़े मंगल के दिन राम जी के परम भक्त हनुमान जी की पूजा करने से साधक को सभी कामों में सफलता मिलती है और जीवन में सभी सुख मिलते हैं। इस दिन पूजा के समय हनुमान जी की आरती जरूर करनी चाहिए। ऐसे में आइए बड़े मंगल के बारे सबकुछ जानते हैं।

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    बड़े मंगल पर इस तरह करें हनुमान जी की पूजा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kab Hai Bada Mangal 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 13 मई से ज्येष्ठ महीने की शुरुआत हो गई है। इस माह में पड़ने वाले सभी मंगलवार को बड़े मंगल और बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, बड़े मंगल के दिन पहली बार भगवान श्रीराम और हनुमान जी की मुलाकात हुई थी। इसी वजह से ज्येष्ठ माह के सभी मंगलवार को बड़े मंगल के रूप में मनाया जाता है।

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    इस अवसर पर हनुमान जी और भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, बड़े मंगल के दिन पूजा करने से जीवन में आ रहे सभी दुख और संकट दूर होते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि बड़े मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा कैसे करें ।

    बड़ा मंगल पूजा विधि (Bada Mangal Puja Vidhi)

    • इस दिन स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
    • मंदिर की सफाई करें।
    • चौकी पर पर हनुमान जी की प्रतिमा विराजमान करें।
    • सिंदूर और फूलों की माला चढ़ाएं।
    • घी का दीपक जलाकर आरती करें।
    • हनुमान चालीसा का पाठ करें।
    • लड्डू और फल का भोग लगाएं।
    • इसके बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

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    इन चीजों का लगाएं भोग

    बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी को इमरती, बूंदी के लड्डू, फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का भोग लगाने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।

    1. ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,

    लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !

    श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,

    रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !

    2. अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्

    दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।

    सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्

    रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

    ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः

    3. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय

    प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

    4. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय

    रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति

    भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।

    5. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय

    सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।