Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Durga Ashtami 2025 Date: सावन महीने में कब है दुर्गा अष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 23 Jul 2025 02:25 PM (IST)

    सनातन धर्म में अष्टमी (Sawan Durga Ashtami 2025 Date) तिथि का बेहद खास महत्व होती है। कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। वहीं शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। इस दिन जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा एवं भक्ति की जाती है।

    Hero Image
    Durga Ashtami 2025 Date: दुर्गा अष्टमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित है। इस दिन जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए साधक उनके निमित्त अष्टमी का व्रत रखते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धार्मिक मत है कि जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा एवं भक्ति करने से साधक पर मां जगदंबा की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से न केवल सभी प्रकार के दुख दूर हो जाते हैं, बल्कि हर एक मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिष भी जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से निजात पाने के लिए मां दुर्गा की पूजा करने की सलाह देते हैं। आइए, सावन माह की दुर्गा अष्टमी की तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 01 अगस्त को भारतीय समयानुसार सुबह 04 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि की समाप्ति 02 अगस्त को सुबह 07 बजकर 23 मिनट पर होगी। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा निशा काल में होती है। अत: 01 अगस्त को सावन महीने की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।

    यह भी पढ़ें- Sawan 2025: संसार में रहते हुए भी निर्लिप्त रहना ही है शिवत्व

    मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ योग (Masik Durga Ashtami Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शुभ योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन भद्रा शाम तक स्वर्ग में रहेंगी। इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होगी। साथ ही सभी बिगड़े काम बन जाएंगे।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 43 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 12 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर
    • चंद्रास्त- देर रात 11 बजकर 28 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 19 मिनट से 05 बजकर 01 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 36 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 12 मिनट से 07 बजकर 33 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक

    यह भी पढ़ें- Sawan 2025: इस मंदिर में दर्शन मात्र से कटते हैं सभी रोग-दोष, 11 दिन करें ये एक काम

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।