Pradosh Vrat 2025 Date: आश्विन महीने में कब-कब है प्रदोष व्रत? नोट करें पूजा का शुभ मुहूर्त
आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरा मनाया जाता है। इसके अगले दिन पापाकुंशा एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। वहीं त्रयोदशी तिथि (Pradosh Vrat 2025 Date) पर भगवान शिव की पूजा की जाती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है।
इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुखों से भी मुक्ति मिलती है। आइए, आश्विन माह के प्रदोष व्रत की सही तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
आश्विन मास का महत्व
सनातन धर्म में आश्विन महीने का खास महत्व है। इस महीने का कृष्ण पक्ष पितरों को समर्पित होता है। वहीं, शुक्ल पक्ष जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित होता है। कृष्ण पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। वहीं, शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्र का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्र के दौरान देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा और भक्ति की जाती है।
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार 18 सितंबर को देर रात 11 बजकर 24 मिनट पर आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू होगी और 19 सितंबर को देर रात 11 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। इसके लिए सूर्योदय से तिथि की गणना नहीं की जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ समय शाम 06 बजकर 21 मिनट से लेकर 08 बजकर 43 मिनट तक है। आश्विन माह का पहला प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है। इसके लिए यह शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा।
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 19 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि दोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 19 अक्टूबर को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ समय शाम 05 बजकर 48 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 20 मिनट तक है।
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