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    Pradosh Vrat 2025 Date: कब मनाया जाएगा आश्विन माह का पहला प्रदोष व्रत? यहां जानें मुहूर्त और महत्व

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 02:37 PM (IST)

    आश्विन माह का कृष्ण पक्ष पितरों को समर्पित होता है। इस दौरान पितरों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान किया जाता है। साथ ही अकाल मृत्यु वाले पितरों का भी पिंडदान किया जाता है। पितरों की कृपा बरसने से जातक जीवन में खूब तरक्की और उन्नति करता है। इस दौरान पितृ पक्ष (Pradosh Vrat 2025 Date) भी मनाया जाता है।

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    Pradosh Vrat 2025 Date: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में आश्विन माह का खास महत्व है। यह महीना जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित होता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक देवी मां दुर्गा धरती लोक पर निवास करती हैं। इस दौरान शारदीय नवरात्र मनाया जाता है।

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    शारदीय नवरात्र के दौरान देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। देवी मां दुर्गा की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। आइए, आश्विन माह के पहले प्रदोष व्रत की सही तिथि और मुहूर्त जानते हैं-

    कब मनाया जाता है प्रदोष व्रत?

    प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव संग मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही त्रयोदशी तिथि पर व्रत रखा जाता है। इस व्रत का फल दिन अनुसार मिलता है। इसके लिए व्रत का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

    प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)

    आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 सितंबर को देर रात 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समापन 19 सितंबर को देर रात 11 बजकर 36 मिनट पर होगा। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके लिए 19 सितंबर को आश्विन माह का पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 21 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 21 मिनट से 06 बजकर 45 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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