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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी पर हर्षण योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

    Updated: Mon, 23 Jun 2025 09:11 PM (IST)

    हर साल आषाढ़ माह में देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। वहीं,शुक्ल पक्ष में विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025) मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही दान-पुण्य किया जाता है।

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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 28 जून को विनायक चतुर्थी है। यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त चतुर्थी तिथि का व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर हर्षण योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होगी।

     

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    हर्षण योग (Shubh Yog)


    ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी पर हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन शाम 07 बजकर 15 मिनट पर होगा। इसके साथ ही रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। रवि योग का संयोग दिन भर है। वहीं, समापन 29 जून को सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर होगा। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

     

    नक्षत्र एवं चरण


    आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी तिथि पर पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र का संयोग है। इसके साथ ही गर और वणिज करण के योग हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

     

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 23 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 09 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- रात 10 बजकर 04 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 05 मिनट से 04 बजकर 46 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक


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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।