Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Narasimha Temples: ये हैं भगवान नरसिंह के चमत्कारी मंदिर, मान्यताएं कर देगी हैरान

    Updated: Tue, 03 Jun 2025 01:51 PM (IST)

    देश में कई ऐसे मंदिर स्थापित हैं जो लोगों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो भगवान विष्णु के चौथे अवतार अर्थात नरसिंह अवतार को समर्पित है। इस मंदिरों को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं जिनके कारण इन मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई है।

    Hero Image
    Narasimha Temples भगवान मंदिर के प्राचीन मंदिर।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा और असुरों के राजा हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार धारण किया था, जो अर्ध सिंह (शेर) और अर्ध नर (मनुष्य) के रूप में था। भगवान विष्णु का यह स्वरूप काफी उग्र माना जाता है। आज हम आपको भगवान नरसिंह को समर्पित कुछ अद्भुत मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इंसानों जैसी है मूर्ति की त्वचा

    तेलंगाना के मल्लूर में प्राचीन नरसिम्हा मंदिर में नरसिंह देव की मूर्ति 10 फीट ऊंची स्थापित है। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में स्थापित भगवान नरसिंह की प्रतिमा को जीवित माना जाता है। इसके साथ ही प्रतिमा इतनी दिव्य लगती हैं कि नरसिंह देव की उनकी त्वचा जीवित इंसानों जैसी ही प्रतीत होती है।

    ऐसा भी कहा जाता है कि इस मूर्ति की त्वचा इतनी मुलायम है कि अगर मूर्ति पर नाखून लगाया जाए, तो इससे खून निकलने लगता है। इसलिए यहां के पुजारी भगवान नरसिंह की मूर्ति पर चंदन का लेप लगाते हैं।

    साल में एक बार होते हैं दर्शन

    विशाखापट्टनम से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर सिंहाचल पर्वत पर सिंहाचलम मंदिर स्थापित है। भगवान नरसिंह को समर्पित इस मंदिर को लेकर भी कई मान्यताएं प्रचलित हैं। इस मंदिर में नरसिंह भगवान मां लक्ष्मी के साथ विराजमान हैं।

    इस मंदिर में भगवान नरसिंह की मूर्ति पर मोटे चंदन की परत लगाई जाती है, जिसे लेकर यह मान्यता है कि इससे उनका उग्र स्वरूप शांत बना रहता है। यह परत साल में केवल एक बार यानी अक्षय तृतीया के दिन हटाई जाती है। इसी दिन पर भक्त मूर्ति का दर्शन कर पाते हैं।

    यह भी पढ़ें - Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ गुफा में शिव तांडव के पाठ का विशेष है महत्व, स्वर्ग में मिलता है देवताओं जैसा सुख

    दर्शन से दूर होते हैं सभी संकट

    नरसिंह भगवान को समर्पित एक मंदिर उत्तराखंड जोशीमठ में स्थित है, जिसे नृसिंह बदरी के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बद्रीनाथ धाम के रास्ते में स्थित है, जिसके दर्शन किए बिना बदरीनाथ धाम की यात्रा अधूरी मानी जाती है।

    इस मंदिर का इतिहास करीब 1 हजार साल से ज्यादा पुराना माना जाता है। भक्तों की इस मंदिर पर अटूट आस्था है। ऐसा मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं और भगवान नृसिंह की कृपा से हर मनोकामना पूरी होती है।

    यह भी पढ़ें - वाराणसी के Assi Ghat का शुंभ-निशुंभ से है गहरा नाता, जानें धार्मिक महत्व

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।