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    Ashadha Purnima 2024: आषाढ़ पूर्णिमा पर नाराज पितरों को इस तरह करें प्रसन्न, मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

    Updated: Tue, 16 Jul 2024 11:43 AM (IST)

    ऐसा माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति के पितृ नाराज हो जाए तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। जिस कारण उसके जीवन की मुसीबतें बढ़ने लगती हैं। ऐसे में पूर्णिमा तिथि पर किए गए कुछ उपाय आपको पितृ दोष से मुक्ति दिला सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि वे उपाय क्या हैं?

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    Ashadha Purnima 2024: आषाढ़ पूर्णिमा पर नाराज पितरों को इस तरह करें प्रसन्न।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के पूर्णिमा (Ashadha Purnima) तिथि को एक महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है। इस तिथि को स्नान-दान करने के साथ-साथ पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए भी विशेष माना गया है। तो चलिए जानते हैं कि आप किस प्रकार पूर्णिमा तिथि पर अपने नाराज पितरों का प्रसन्न कर सकते हैं।

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    पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Ashadha Purnima 2024 Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई 2024 को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो रही है, जो 21 जुलाई 2024 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत 20 जुलाई, शनिवार को किया जाएगा। वहीं, 21 जुलाई, रविवार के दिन स्नान-दान आदि के लिए शुभ रहेगा।

    जरूर करें ये काम

    आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि ऐसा करना संभव न हो तो आप घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। इसके बाद अपने पितरों का स्मरण करते हुए उनके लिए जल, काले तिल और कुश से तर्पण दें। ऐसा करने से वह तृप्त होते हैं। तर्पण करते समय कामना करें कि हे पितृगण! मैं आपको जल से तृप्त कर रहा हूं, आप सभी इससे तृप्त हों और प्रसन्न हों।

    पितृ देंगे आशीर्वाद

    पूर्णिमा के दिन अपने पितरों के लिए घर पर भोजन बनाएं। इस भोजन का कुछ अंश गाय, कौआ, कुत्ता आदि को खिलाएं। इसके अतिरिक्त पिंडदान और जरूरतमंदों का दान आदि करें। इन उपायों को करने से नाराज पितृ प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

    यह भी पढ़ें - Ashadha Purnima 2024: कब है आषाढ़ पूर्णिमा? नोट करें चंद्रोदय समय, स्नान-दान और पूजा मुहूर्त

    कर सकते हैं ये काम

    आषाढ़ पूर्णिमा व्रत की रात को चंद्रमा को कच्चे दूध, पानी और सफेद फूल से अर्घ्य देना चाहिए। इसके अलावा पूर्णिमा के दिन चौमुखी दीपक जलाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही व्यक्ति को देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है। इसके साथ ही इस तिथि पर पितृ स्तोत्र का पाठ करना भी बेहतर माना जाता है।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।