Ashadha Gupt Navratri 2024: इस वाहन पर सवार होकर आएंगी जगत की देवी मां दुर्गा, रहना होगा सतर्क!
सनातन शास्त्रों में जगत की देवी मां दुर्गा की महिमा का गुणगान विस्तार पूर्वक किया गया है। मार्कंडेय पुराण में देवी की महिमा सात सौ श्लोंको में की गई है। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख शांति खुशहाली और समृद्धि आती है। साधक श्रद्धा भाव से मां दुर्गा की पूजा-उपासना करते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ashadha Gupt Navratri 2024: सनातन धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व है। सामान्यजन चैत्र और शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा एवं उपासना करते हैं। वहीं, विशेष विद्या में सिद्धि पाने वाले साधक गुप्त नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की साधना करते हैं। चैत्र महीने में चैत्र और आश्विन महीने में शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। जबकि, माघ और आषाढ महीने में गुप्त नवरात्र मनाया जाता है। गु्प्त नवरात्र के दौरान दस महाविद्याओं की देवियों की कठिन साधना की जाती है। कठिन साधना से प्रसन्न होकर मां दुर्गा साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इस वर्ष आषाढ़ गुप्त नवरात्र 6 जुलाई से लेकर 15 जुलाई के मध्य है। गुप्त नवरात्र के अंतिम दिन यानी 15 जुलाई को भड़ली नवमी है। ज्योतिषियों की मानें तो जगत की देवी मां दुर्गा का वाहन दिन अनुसार निर्धारित होता है। आषाढ़ गुप्त नवरात्र पर मां दुर्गा अश्व पर सवार होकर आएंगी। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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मां दुर्गा का आगमन
शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥
गजेश जलदा देवी क्षत्रभंग तुरंगमे।
नौकायां कार्यसिद्धिस्यात् दोलायों मरणधु्रवम्॥
यह श्लोक देवीपुराण में निहित है। इस श्लोक का भावार्थ इस प्रकार है। सोमवार और रविवार के दिन जगत की देवी मां दुर्गा गज यानी हाथी पर सवार होकर आती हैं। मंगलवार और शनिवार के दिन अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। वहीं, बुधवार के दिन नाव पर विराजमान होकर आती हैं। जबकि, गुरुवार और शुक्रवार के दिन मां डोले पर सवार होकर आती हैं। अश्व पर सवार होकर मां दुर्गा का आना उत्तम नहीं माना जाता है। अश्व पर मां दुर्गा के आने पर युद्ध की स्थिति पैदा होती है। साथ ही व्यक्ति विशेष के जीवन में व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
प्रस्थान
शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा,
शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा,
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥
ज्योतिषियों की मानें तो मां दुर्गा का प्रस्थान भी दिन अनुसार होता है। सोमवार और रविवार के दिन जगत की देवी मां दुर्गा भैंसे पर सवार होकर प्रस्थान करती हैं। भैंसे पर सवार होकर प्रस्थान करने से दुखों में वृद्धि होती है। साथ ही शारीरिक और मानसिक कष्टों में भी बढ़ोतरी होती है। इस वर्ष मां दुर्गा भैंसे पर सवार होकर जाएंगी। अत: गुप्त नवरात्र में मां के आगमन और प्रस्थान से देश और दुनिया पर अशुभ प्रभाव पड़ सकता है। भैंसे पर सवार होकर मां का प्रस्थान करना शुभ नहीं माना जाता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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