Ashadh Month 2025: बेहद खास है आषाढ़ का महीना, करें ये आसान उपाय, मिलेगी श्री हरि की कृपा
आषाढ़ (Ashadh Month 2025 Ke Upay) का महीना हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है जो वर्षा ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। इस महीने तुलसी पूजा और दान-पुण्य करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भौतिक सुखों का आशीर्वाद देते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू नववर्ष का आषाढ़ चौथा महीना है, जिसका अपना एक खास महत्व है। यह महीना वर्षा ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जिससे पृथ्वी को शीतलता और जीवन को नई ऊर्जा मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह महीना भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस महीने (Ashadh Month 2025) में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार पड़ते हैं, जिनमें देवशयनी
एकादशी प्रमुख है, जब भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं। तो आइए इस माह को और भी खास बनाने के लिए कुछ चमत्कारी उपाय आजमाते हैं, जो इस प्रकार हैं।
आषाढ़ माह में करें ये खास उपाय (Ashadh Month 2025 Remedies)
- तुलसी पूजा - तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है और उन्हें देवी लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है। आषाढ़ माह में प्रतिदिन शाम के समय तुलसी के पास दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इसके साथ ही मां तुलसी की कृपा मिलती है।
- पीली वस्तुओं का दान - आषाढ़ महीने में पीली वस्तुओं का दान करने से भगवान विष्णु खुश होते हैं। साथ ही इससे घर में शुभता और समृद्धि आती है। इसके अलावा बुरी नजर से छुटकारा मिलता है।
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केले के पेड़ में जल चढ़ाएं - केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। कहते हैं कि इस पूरे महीने केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। साथ ही उसमें रोजाना जल चढ़ाना चाहिए। इससे जीवन में खुशहाली आती है।
करें इस मंत्र का जप
आषाढ़ महीने में भगवान विष्णु के इस मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का 108 बार जप करें। इसके साथ क्षमता अनुसार, कुछ दान-पुण्य भी करें। करना ऐसा करने से हरि कृपा मिलती है। साथ ही भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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