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    Vinayak Chaturthi 2025 Date: अप्रैल महीने में कब है विनायक चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 23 Mar 2025 09:10 PM (IST)

    ज्योतिष कुंडली में बुध ग्रह मजबूत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करने की सलाह देते हैं। कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होने से जातक को कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही जातक को शुभ कामों में सफलता मिलती है। हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (Vinayak Chaturthi 2025 Date) पर भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है।

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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है।

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    साधक श्रद्धा भाव से शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करते हैं। साथ ही मनोवांछित फल पाने के लिए व्रत रखते हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से ग्रहों के राजकुमार बुध देव प्रसन्न होते हैं। आइए, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025 Date) की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं।

    विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 01 अप्रैल (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) को सुबह 05 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, चतुर्थी तिथि का समापन 02 अप्रैल को देर रात 02 बजकर 32 मिनट पर होगा। इस दिन चन्द्रास्त रात 10 बजकर 14 मिनट पर होगा। साधक 01 अप्रैल को विनायक चतुर्थी व्रत रख सकते हैं।

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    विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayak Chaturthi Shubh Yog)

    पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग सुबह 09 बजकर 48 मिनट से हो रहा है,जो पूर्ण रात्रि भर है। इसके साथ ही भद्रावास का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, भरणी एवं कृत्तिका नक्षत्र का भी संयोग है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट अवश्य दूर हो जाएंगे।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 11 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 39 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 07 बजकर 54 मिनट पर

    चंद्रास्त- शाम 10 बजकर 14 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 39 मिनट से 05 बजकर 25 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 38 मिनट से 07 बजकर 01 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।