Apara Ekadashi 2025: आज है अपरा एकादशी, इस विधि से करें पूजा, जानिए भोग और मंत्र
अपरा एकादशी व्रत (Apara Ekadashi 2025 Puja Vidhi) बेहद शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह व्रत 23 मई यानी आज के दिन रखा जा रहा है। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों (Apara Ekadashi Mantra And Bhog) को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। इसे 'अचला एकादशी' के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन साधक भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से अपार सुख-समृद्धि और अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में इस व्रत में किसी तरह की बाधा न आए, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
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अपरा एकादशी पूजा समय (Apara Ekadashi 2025 Puja Time)
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 45 मिनट तक था। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग 04 बजकर 02 मिनट अगले दिन सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
अमृत सिद्धि योग शाम 04 बजकर 02 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पूजा से लेकर आप अन्य कोई भी शुभ काम कर सकते हैं।
अपरा एकादशी पारण टाइम (Apara Ekadashi 2025 Parana time)
अपरा एकादशी व्रत का पारण 24 मई को सुबह 05 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 08 बजकर 11 मिनट के बीच किया जाएगा।
अपरा एकादशी पूजा विधि (Apara Ekadashi 2025 Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
- पीले रंग के कपड़े पहनें।
- पूजा शुरू करने से पहले व्रत का संकल्प लें।
- एक वेदी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं।
- भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
- उन्हें गोपी चंदन लगाएं।
- पीले फूलों की माला अर्पित करें।
- पूजा में तुलसी दल जरूर शामिल करें।
- भोग के रूप में पंचामृत और पीली मिठाई चढ़ाएं।
- अपरा एकादशी कथा और श्री हरि के वैदिक मंत्रों का जप करें।
- पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती भाव के साथ करें।
- व्रत का पारण द्वादशी के दिन शुभ मुहूर्त में करें।
- व्रती तामसिक चीजों से परहेज करें।
भगवान विष्णु के प्रिय भोग (Apara Ekadashi 2025 Bhog)
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत, ऋतु फल, केसर की मिठाई, मखाने की खीर, पंजीरी आदि का भोग लगाना अति फलदायी माना जाता है। इसे चढ़ाने से भक्तों को मनचाहा फल मिलता है।
पूजा मंत्र (Apara Ekadashi 2025 Puja Mantra)
- ॐ नमो नारायणाय॥
- ॐ विष्णवे नमः॥
- शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं, वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्॥
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