Anuradha Nakshatra: इस नक्षत्र में जन्मे जातक अपने लक्ष्य के प्रति होते हैं अत्यंत गंभीर, जानें इनकी विशेषताएं
Anuradha Nakshatra अनुराधा नक्षत्र... 27 नक्षत्रों में से 17वां नक्षत्र है। इस नक्षत्र में जिन जातकों का जन्म होता है उनके देवता मित्र देव हैं जो बारह आदित्यों में से एक माने जाते
Anuradha Nakshatra: अनुराधा नक्षत्र... 27 नक्षत्रों में से 17वां नक्षत्र है। इस नक्षत्र में जिन जातकों का जन्म होता है उनके देवता मित्र देव हैं जो बारह आदित्यों में से एक माने जाते हैं। इस नक्षत्र का स्वामी शनि और राशि स्वामी मंगल होने के कारण इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर दोनों ही ग्रहों का प्रभाव रहता है। साथ ही इन जातकों की जन्म राशि वृश्चिक, राशि स्वामी मंगल, वर्ण ब्राह्मण, वश्य कीट, योनि मृग, महावैर योनि श्वान, गण देव तथा नाड़ी मध्य है। आइए ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री से जानते हैं कि अनुराधा नक्षत्र के जातक कैसे होते हैं।
इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि होता है जिसके कारण यह स्पष्टवादी होते हैं। इनके दिल में जो भी होता है वो खुलकर बोल देते हैं। हालांकि, दूसरे लोग इससे नाराज भी हो जाते हैं। छोटी-छोटी चीजों पर ये उत्तेजित हो जाते हैं। ऐसे में बहुत कम लोग होते हैं जो इनके साथ लंबे समय तक मित्रता निभाते हैं। ये दूसरों पर अपना प्रभाव डालते हैं। यह नक्षत्र सफलता से जुड़ा हुआ है। यह विशेष रूप से सहयोग द्वारा प्रसिद्धि व मान्यता प्रदान करता है। विदेश यात्रा व सफलता भी इस नक्षत्र द्वारा समर्थित है। जो लोग इस नक्षत्र में पैदा होते हैं वो मनावता में सहयोग और बढ़ावा देते हैं। हालांकि, इन जातकों को निराशा या उदासी के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है।
ये जातक अपनी कम उम्र से ही पैसा कमाने शुरू देते हैं। ये काफी संघर्षशील होते हैं। मानसिक शांति के लिए इन्हें प्रयास करने की जरूरत है। जब भी ये जातक किसी की मदद करते हैं तो दिल से करते हैं। क्योंकि इन्हें दिखावा करना बिल्कुल पसंद नहीं होता है। ये जातक अपने लक्ष्य के प्रति आप गंभीर रहते हैं। यही कारण है कि चाहें कितनी भी मुश्किल क्यों न आए ये सफलता प्राप्त कर लेते हैं। ये नौकरी से ज्यादा व्यापार करने में रुचि रखते हैं। आपमें जन्मजात व्यावसायिक योग्यताएं होती हैं। यही कारण है कि ये जातक व्यवसाय में सफल होते हैं। ये काफी सिद्धांतवादी होते हैं। जीवन का अनुभव आप अपने संघर्ष से ही प्राप्त करते हैं। जो लोग आपके व्यक्तित्व के गुणों को पहचानते हैं वे आपसे सलाह जरूर लेंगे।
अनुराधा नक्षत्र के चारों ही चरण वृश्चिक राशि में मौजूद होते हैं। इस राशि का स्वामी मंगल है। मंगल और शनि में वैर भाव होने के कारण इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति भूमि, भवन एवं दूसरे निवेशों से धन अर्जित करते हैं लेकिन इन्हें संघर्ष करते हुए जीवन में आगे बढ़ना होता है। इन जातकों की बातों के चलते लोग इनसे दूरी बना लेते हैं। ये जातक काफी मेहनती और लक्ष्य के प्रति गंभीर होते हैं। यही कारण है कि कठिनाईयों पर विजय प्राप्त करते हैं। इस नक्षत्र के जातक अभिनेता, संगीतकार, व्यवसाय प्रबंधन, यात्रा उद्योग, दंत चिकित्सक, आपराधिक वकील, खनन अभियंता, वैज्ञानिक, सांख्यिकीविद्, गणितज्ञ, अलौकिक मध्यस्थ, ज्योतिषी, जासूस, फोटोग्राफर, चलचित्र, उद्योगपति, सलाहकार, मनोवैज्ञानिक, खोजकर्ता, राजनयिक, विदेशी देशों से जुड़े व्यवसाय, सामूहिक गतिविधियों से संबंधित संगठन / संस्था का कार्यकारी प्रबन्धक से जुड़े हो सकते हैं।
ज्योतिषशास्त्र में अनुराधा नक्षत्र के चारों चरणों का वर्णन किया गया है। अगर जातक का जन्म अनुराधा नक्षत्र के पहल चरण में हुआ हो तो व्यक्ति की जुबान तीखी होती है। ऐसे व्यक्ति सांसारिक बातों के काफी तेज होते हैं। वहीं, अगर दूसरे चरण में होता है तो जातक धार्मिक विचारों वाला होता है। वहीं, तीसरे चरण में जन्मा जातक दीर्घायु होता है। चौथे चरण में जन्मे जातक में काम की भावना अधिक होती है।
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