Antim Sanskar: इन वजहों से श्मशान में महिलाओं के जाने की होती है मनाही, जानिए कारण
Antim Sanskar हिंदू धर्म में जन्म से लेकर मरण तक कुछ 16 संस्कार बताए गए हैं। इन्हीं में से आखिरी संस्कार है अंतिम संस्कार। अंतिम संस्कार को लेकर भी शास्त्रों में कई नियम बताए गए हैं। हिंदू रीति रिवाज के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसे श्मशान घाट पर ले जाकर दाह संस्कार किया जाता है।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Antim Sanskar: श्मशान घाट एक ऐसी जगह होती है जहां पर सैकड़ों मृतकों के शव जलाये जाते हैं। हिंदू धर्म में महिलाओं के श्मशान घाट में जाने की मनाही होती है। आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण छिपे हुए हैं।
इस कारण से होती है मनाही
जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो घर में शौक का माहौल होता है। इसके अलावा जब उस मृतक के शरीर को श्मशान ले जाते है तो वह समय बहुत ही पीड़ादायक होता है। महिलाओं को ज्यादा संवेदनशील माना जाता है। यही कारण हैं कि महिलाओं के श्मशान घाट में जाने की मनाही होती है।
आकर्षित होती हैं बुरी शक्तियां
श्मशान एक ऐसी जगह है जहां बुरी आत्माओं का वास होता है। ऐसा माना जाता है कि नकारात्मक ऊर्जा काले और लम्बे वालों की ओर ज्यादा आकर्षित होती हैं। इसलिए भी महिलाओं का श्मशान घाट जाना वर्जित है।
मुंडन का रिवाज
हिंदू धर्म में जो व्यक्ति अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट जाता है उसे मुंडन कराना पड़ता है। साथ ही हिंदू धर्म में यह औरतों को या लड़कियों का मुंडन करना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए एक यह भी वजह है कि औरतों को अंतिम संस्कार में नहीं ले जाया जा सकता।
इसलिए घर में रहती हैं महिलाएं
ऐसा माना जाता है कि शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के बाद घर में नकारात्मक शक्तियों का वास हो जाता है इसलिए घर को खाली नहीं छोड़ा जाता है। साथ ही अंतिम संस्कार के बाद पुरुषों का घर में प्रवेश स्नान के बाद ही होता है उससे पहले घर को शुद्धिकरण करने के लिए महिलाएं को घर पर ही रुकना पड़ता है।
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