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    Annapurna Jayanti पर रखें खास बातों का ध्यान, पाएं धन-समृद्धि का आशीर्वाद

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 10:39 AM (IST)

    पंचांग के अनुसार, हर साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि पर अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता है कि इस तिथि पर मां पार्वती ने अन्नपूर्णा देवी का रूप धारण किया था। हिंदू धर्म में मां अन्नपूर्णा का अन्न की देवी के रूप में पूजा जाता है। चलिए जानते हैं कि अन्नपूर्णा जयंती के दिन किन कार्यों को करने से आपको शुभ फल मिल सकते है।

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    Annapurna Jayanti 2025 (AI Generated Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मां अन्नपूर्णा संसार का भरण-पोषण करती हैं। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर मां अन्नपूर्णा और महादेव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि इससे घर में अन्न-धन की कमी नहीं होती।

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    रसोई में मां अन्नपूर्णा का वास माना गया है। ऐसे में आप अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti 2025) के दिन घर की रसोई में ये काम कर सकते हैं, जिससे माता अन्नपूर्णा की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है।

    अन्नपूर्णा जयंती मुहूर्त (Annapurna Jayanti Muhurat)

    मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि 4 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 37 मिनट पर शुरू होने जा रही है। वहीं इस तिथि का समापन 5 दिसंबर को प्रातः 4 बजकर 43 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, अन्नपूर्णा जयंती गुरुवार, 4 दिसंबर को मनाई जाएगी।

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    भोजन के दौरान न करें ये गलतियां

    बड़े-बुजुर्ग ये अक्सर कहते हैं कि हमें कभी भी अन्न का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो सकती हैं, जिससे आपको घर में अन्न-धन की कमी भी सामना करना पड़ सकता है।

    इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि अपनी थाली में उतना ही भोजन डालें, जितने की आपको जरूरत हो, ताकि खाना बर्बाद न हो। इसके साथ ही प्लेट में जूठा खाना न छोड़ें, यह भी मां अन्नपूर्णा नाराजगी का कारण बन सकता है। इसके साथ ही दहलीज पर बैठकर भोजन करने की भी मनाही है।

    Maa Annapurna

    इन बातों का रखें ख्याल

    वास्तु में माना गया है कि रसोई में कभी भी अग्नि और पानी को पास-पास नहीं रखना चाहिए। ऐसे में आपका सिंक और गैस चूल्हा दूर-दूर होने चाहिए, क्योंकि सिंक जल तत्व का प्रतीक है और चूल्हा अग्नि तत्व का। ऐसा करने से आपको वास्तु दोष का सामना नहीं करना पड़ता।

    रोाना करें इस मंत्र का जप

    मां अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्ति के लिए आप रोजाना ब्रह्म मुहूर्त या फिर संध्या आरती के बाद रसोई में बैठकर मां अन्नपूर्णा के सिद्धि मंत्र का जप कर सकते हैं। आप इस मंत्र का जप 11, 21, 51 या फिर 108 बार करना शुभ माना गया है -

    अन्नपूर्णे सदा पूर्णे शंकरप्राणवल्लभे।
    ज्ञान वैराग्य-सिद्ध्‌यर्थं भिक्षां देहिं च पार्वति।।
    माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वरः।
    बान्धवाः शिवभक्ताश्च स्वदेशो भुवनत्रयम्‌ ।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।