Annapurna Jayanti 2022: जानिए आखिर क्यों भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा से मांगी थी भिक्षा?
Annapurna Jayanti 2022 हर साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को अन्नपूर्णा जयंती का पर्व मनाया जाता है। जानिए मां अन्नपूर्णा कैसे हुई थी प्रकट और भगवान शिव ने किस कारण मांगा था मां अन्नपूर्णा से भिक्षा। जानिए पौराणि कथा।
नई दिल्ली, Annapurna Jayanti 2022: अन्नपूर्णा जयंती का पर्व आज मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मनाया जाता है।मान्यता है कि आज के दिन मां पार्वती के स्वरूप मां अन्नपूर्णा प्रकट हुई थीं। इसी कारण हर साल इस दिन मां अन्नपूर्णा की विधिवत पूजा करने का विधान है। ऐसा करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। है और हर रोग दोष दूर रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां पार्वती ने मां अन्नपूर्णा का स्वरूप लेकर सभी प्राणियों की रक्षा की थी। जानिए मां अन्नपूर्णा के प्रकट होने से लेकर भगवान शिव के भिक्षा मांगने तक की कथा।
Annapurna Jayanti 2022: अन्नपूर्णा जयंती कब? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
अन्नपूर्णा जयंती 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
अन्नपूर्णा जयंती तिथि- 8 दिसंबर 2022, गुरुवार
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - 7 दिसंबर 2022 को सुबह 08 बजकर 1 मिनट
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 8 दिसंबर 2022 को सुबह 09 बजकर 37 मिनट
भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा से मांगी थी भिक्षा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय ऐसा आया था कि धरती में अन्न और जल समाप्त होने लगा था। चारों ओर त्राहि त्राहि होने लगी थी। ऐसे में इंसानों से भगवान ब्रह्मा, विष्णु जी और भगवान शिव की आराधना की। विष्णु जी ने अपने भक्तों की पुकार सुनकर शिव जी को उनकी योग निद्रा से जगाया और पूरी बात बताई। तब भगवान शिव से भिक्षु और माता पार्वती ने मां अन्नपूर्णा का रूप धरा।
भगवान शिव ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा लेकर पृथ्वीलोक में आकर सभी इंसानों के बीच अन्न बांटा। तब से कभी भी पृथ्वी में अन्न जल की कमी नहीं हुई। ऐसे में हर किसी ने मां अन्नपूर्णा की पूजा अर्चना ने करनी शुरू कर दी। माना जाता है कि जब मां पार्वती अन्नपूर्णा के स्वरूप में आईं थी इस दिन मार्गशीर्ष की पूर्णिमा तिथि थी। इसी कारण इस दिन हर साल अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मनाया जाता है।
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