Anant Chaturdashi 2025: सुकर्मा समेत कई मंगलकारी योग में मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी, मिलेगा कई गुना फल
जगत के पालनहार भगवान विष्णु की लीला अपरंपार है। अपने भक्तों पर जग के नाथ भगवान विष्णु विशेष कृपा बरसाते हैं। अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2025 Shubh Yoga) के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन की हर परेशानी दूर होगी। साथ ही घर में सुख शांति और खुशहाली आएगी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, शनिवार 06 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी। यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। इसके साथ ही अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
ज्योतिषियों की मानें तो अनंत चतुर्दशी के दिन सुकर्मा और रवि योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश और विष्णु जी की पूजा करने से सकल मनोरथ सिद्ध होंगे। साथ ही सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलेगी। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
अनंत चतुर्दशी शुभ मुहूर्त (Anant Chaturdashi 2025 Shubh Muhurat)
06 सितंबर को देर रात 03 बजकर 12 मिनट पर भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 07 सितंबर को देर रात 01 बजकर 41 मिनट पर भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का समापन होगा। इस प्रकार 06 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी।
अनंत चतुर्दशी शुभ योग (Anant Chaturdashi Shubh Yog)
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर सुकर्मा और रवि योग का निर्माण हो रहा है। सुकर्मा योग का संयोग दिन में 11 बजकर 52 मिनट से है। ज्योतिष सुकर्मा योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होगा।
इसके साथ ही अनंत चतुर्दशी के दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। रवि योग का संयोग सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर देर रात 10 बजकर 55 मिनट तक है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलेगा।
नक्षत्र एवं चरण
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग है। धनिष्ठा नक्षत्र देर रात 10 बजकर 55 मिनट तक है। इसके साथ ही गर एवं वणिज करण के योग हैं। इन योग में गणपति बप्पा की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 37 मिनट पर
- चन्द्रोदय- शाम 05 बजकर 52 मिनट पर
- चंद्रास्त- सुबह 05 बजकर 19 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 30 मिनट से 05 बजकर 16 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 25 मिनट से 03 बजकर 15 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 37 मिनट से 07 बजकर 00 मिनट से
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक
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