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Budh Pradosh Vrat 2024: इन 07 शुभ योग में मनाया जाएगा बुध प्रदोष व्रत, हर मनोकामना होगी पूरी

हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत पर भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। अतः प्रदोष व्रत पर साधक महादेव और मां पार्वती की पूजा करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarMon, 10 Jun 2024 08:04 PM (IST)
Budh Pradosh Vrat 2024: इन 07 शुभ योग में मनाया जाएगा बुध प्रदोष व्रत, हर मनोकामना होगी पूरी
Budh Pradosh Vrat 2024: इन 07 शुभ योग में मनाया जाएगा बुध प्रदोष व्रत, हर मनोकामना होगी पूरी

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Budh Pradosh Vrat 2024: हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 19 जून को है। इस व्रत का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। बुधवार के दिन पड़ने के चलते यह बुध प्रदोष व्रत कहलाएगा। शिव पुराण में निहित है कि बुध प्रदोष व्रत करने से जातक बुद्धिमान और विवेकवान बनता है। साथ ही सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से बुध प्रदोष व्रत पर महादेव की पूजा करते हैं। साथ ही भगवान शिव के निमित्त व्रत रखते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो बुध प्रदोष व्रत पर सिद्ध और साध्य समेत 07 मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। आइए जानते हैं-

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प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 जून को सुबह 07 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और 20 जून को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। बुध प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष काल का समय शाम 07 बजकर 22 मिनट से 09 बजकर 22 मिनट तक है।

सिद्ध योग

बुध प्रदोष व्रत पर सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है। सिद्ध योग दिन भर है। वहीं, इस योग का समापन रात 09 बजकर 12 मिनट पर है। इसके बाद साध्य योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष दोनों योग को शुभ मानते हैं। इस योग में महादेव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

सर्वार्थ सिद्धि योग

ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इन तीनों योग का निर्माण एक साथ हो रहा है। अमृत सिद्धि योग, रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण संध्याकाल में 05 बजकर 23 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इसका समापन 20 जून को सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर होगा।

शिववास योग

बुध प्रदोष व्रत पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इस दिन देवों के देव महादेव सर्वप्रथम कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद भगवान शिव नंदी पर सवार रहेंगे। भगवान शिव सुबह 07 बजकर 28 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे। इसके बाद नंदी पर विराजमान होंगे। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक करने से व्रती को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।