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    Amalaki Ekadashi 2025: कब है आमलकी एकादशी? इस नियम से करें भगवान विष्णु की पूजा

    फाल्गुन महीने में आने वाली आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2025 Date) बहुत पुण्यदायी होती है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं। इस व्रत का पालन करने से सभी दुखों का अंत होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह एकादशी कब मनाई जाएगी? आइए इसकी सही डेट और पूजा नियम जानते हैं जो यहां पर दिया गया है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 27 Feb 2025 03:08 PM (IST)
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    Amalaki Ekadashi 2025: आमलकी एकादशी पूजा विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आमलकी एकादशी का दिन बेहद पावन माना गया है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन लोग कठिन व्रत का पालन करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। यह शुभ पर्व हर साल फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जो भक्त उपवास (Amalaki Ekadashi 2025) रखते हैं, उन्हें सभी पूजा नियमों का पालन करना चाहिए और इसके अलावा तामसिक चीजों से परहेज करना चाहिए। वहीं, इस साल यह व्रत कब रखा जाएगा और इसकी सही पूजा विधि क्या है? आइए यहां जानते हैं।

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    आमलकी एकादशी 2025 कब है? (Amalaki Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 09 मार्च को रात 07 बजकर 45 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 10 मार्च को सुबह 07 बजकर 44 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 10 मार्च (Amalaki Ekadashi Kab hai 2025) को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

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    पूजा विधि (Amalaki Ekadashi 2025 Puja Vidhi )

    • साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
    • साफ व पीले रंग के कपड़े पहनें।
    • एक वेदी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
    • देसी घी का दीपक जलाएं।
    • श्री हरि का अभिषेक करें।
    • उन्हें पीले फूलों की माला चढ़ाएं और गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
    • पूजा में तुलसी पत्र जरूर शामिल करें।
    • भगवान विष्णु को पंचामृत, फल और मखाने की खीर या घर पर बनी कोई भी मिठाई का भोग लगाएं।
    • आमलकी एकादशी कथा का पाठ और विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें।
    • आरती से पूजा को पूरी करें और परिवार के सभी सदस्यों में पंचामृत बांटें।
    • इस दिन चावल खाने से बचें।
    • अगले दिन प्रसाद से व्रत का पारण करें।
    • शाम के समय भी विधिपूर्वक पूजा करें।

    आमलकी एकादशी 2025 पूजा मंत्र (Amalaki Ekadashi 2025 Puja Mantra)

    • ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।