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    Amalaki Ekadashi 2023: आमलकी एकादशी पर जरूर करें ये 2 काम, बेशुमार दौलत के साथ हर क्षेत्र में मिलेगा सफलता

    By Shivani SinghEdited By: Shivani Singh
    Updated: Fri, 03 Mar 2023 08:30 AM (IST)

    Amalaki Ekadashi 2023 शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजा करने के साथ व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्रा ...और पढ़ें

    Amalaki Ekadashi 2023: आमलकी एकादशी पर जरूर करें ये 2 काम, बेशुमार दौलत के साथ हर क्षेत्र में मिलेगा सफलता
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    नई दिल्ली, Amalaki Ekadashi 2023: आज आंवला एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। आज के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा करना शुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी, आंवला एकादशी के रूप में व्रत रखा जाता है। आमलकी एकादशी भी भगवान विष्णु को समर्पित है। आमलकी का अर्थ है आंवला, जिसका आयुर्वेद और हिंदू धर्म दोनों में बहुत महत्व है। पद्म पुराण के अनुसार, आंवला भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। इसलिए इस दिन आंवले के पेड़ की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ इसका दान करना शुभ माना जाता है।

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    आंवला एकादशी के दिन रंगभरी एकादशी के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन बनारस में स्थित काशी विश्वनाथ में होली खेलती जाती है। माना जाता है कि भगवान शिव पहली बार मां पार्वती को लेकर काशी पहुंचे थे। इसी कारण इस दिन महाकाल और माता पार्वती की यात्रा निकाली जाती है।

    आमलकी एकादशी के दिन ऐसे करें स्नान

    आंवला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से मुक्त होकर स्नान करना चाहिए। स्नान वाले जल में सात बूंद गंगाजल, एक चुटकी तिल और एक आंवला डाल लें। इसके बाद इससे स्नान कर लें। माना जाता है कि इस दिन इस तरह स्नान करने से तीर्थ स्नान के बराबर फल मिलता है। इसके साथ ही व्यक्ति द्वारा जाने-अनजाने में किए गए सभी प्रकार के पाप धुल जाते हैं।

    करें आंवला का दान

    पद्म और विष्णु पुराणों में कहा गया है कि भगवान आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस वृक्ष में भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी का भी वास होता है। इस कारण आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर ब्राह्मणों को भोजन करने के साथ खुद परिवार के साथ खाना शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं आमलकी एकादशी के दिन आंवला का जान देने से 1000 गायों के दान और यज्ञों के बराबर फल मिलता है। इसलिए अपनी योग्यता के अनुसार इस दिन आंवला का दिन अवश्य करें।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।